कृषि कानून: कांग्रेस का हमला, कहा- अन्नदाताओं के साथ 7 महीनों से अत्याचार और षड्यंत्र कर रही है मोदी सरकार | Modi govt has been torturing and conspiring with annadatas for seven months: Congress

कृषि कानून: कांग्रेस का हमला, कहा- अन्नदाताओं के साथ 7 महीनों से अत्याचार और षड्यंत्र कर रही है मोदी सरकार

कृषि कानून: कांग्रेस का हमला, कहा- अन्नदाताओं के साथ 7 महीनों से अत्याचार और षड्यंत्र कर रही है मोदी सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : June 26, 2021/8:10 am IST

नयी दिल्ली, (भाषा) कांग्रेस ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सात महीने पूरा होने पर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश के अन्नदाताओं के साथ सात महीनों से अत्याचार किया जा रहा है और षड्यंत्र करके उन्हें बदनाम करने का प्रयास हो रहा है।

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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ी है।

सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘समूचे विश्व में आज तक किसी निर्दयी और निर्मम सत्ता का ऐसा अत्याचार देखने को नहीं मिला जो मोदी सरकार धरती के भगवान कहे जाने वाले अन्नदाता किसानों के साथ लगातार 7 माह से कर रही है । यह सरकार कभी उन पर लाठी बरसाती है, कभी उनकी राहों में कील और कांटे बिछाती है। किसानों को मोदी सरकार कभी आतंकी, कभी खालिस्तानी बताती है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़ता से देश के किसान भाइयों के साथ खड़ी है। आज होने वाले किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का पार्टी पुरजोर समर्थन करती है।’’

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘एक तरफ़ सरकार कह रही है कि किसानों को 6 हज़ार रुपये प्रतिवर्ष सम्मान निधि देकर हम किसानों की सहायता कर रहे हैं मगर दूसरी ओर मोदी सरकार ने गत सात वर्षों में डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर आज 88.65 रुपये कर दी है।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या उच्चतम न्यायालय में सरकार ने झूठा शपथपत्र नहीं दिया कि किसानों से चर्चा करके ये तीनों काले कानून लाए गए हैं, जबकि सूचना के अधिकार के तहत दिए जवाब में सरकार ने स्वीकारा कि कानून लाने से पहले किसानों से चर्चा के कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं?’’

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सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ‘‘क्या जब तीन काले कानून लागू किए गए तब से ही सरकारी अनाज मंडिया लगातार बंद करना जारी नहीं है? क्या किसान को मंडियों से बाहर देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की आजादी नहीं? अगर यह सही है, तो फिर तीन खेती विरोधी काले कानूनों की क्या जरूरत है? ’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार किसानों के खिलाफ षड्यंत्र कर उन्हें ‘थका दो और भगा दो, प्रताडि़त करो और परास्त करो, बदनाम करो और फूट डालो’ की नीति पर काम कर रही है।’’

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गौरतलब है कि केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं।

इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही।

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