डेडली Delta Plus...इस वेरिएंट से लड़ने के लिए हम कितने तैयार हैं? | Deadly Delta Plus...how prepared are we to fight this variant?

डेडली Delta Plus…इस वेरिएंट से लड़ने के लिए हम कितने तैयार हैं?

डेडली Delta Plus...इस वेरिएंट से लड़ने के लिए हम कितने तैयार हैं?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : June 25, 2021/5:50 pm IST

रायपुर: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर अब काफी हद तक कम हो गया है। नए मामलों की संख्या भी घटी है, वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज़ हुई है, लेकिन इस सबके बीच अब एक और नई मुसीबत सामने आ गई है, जो पहले ज्यादा डेंजरस है। जी हां हम बात कर रहे हैं कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट की, जिसके मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भले इसके मरीज अभी नहीं मिले हैं, लेकिन पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट कितना खतरनाक है? इस वेरिएंट से लड़ने के लिए हम कितने तैयार हैं? क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट पर वैक्सीन कारगर है? सवाल ये भी कि नई आफत से कैसे बचा जाए?

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जी हां छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। केसेस के मामले में महाराष्ट्र पहले जबकि मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर है। दोनों राज्यों में इस नए वेरिएंट की मौजूदगी को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। सरकार ने एहतियातन अंतर्राज्यीय सीमाओँ पर आवाजाही पर कड़ी नजर और जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का फोकस अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने पर है। जानकारों के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट और संभावित तीसरी लहर से निपटने का टीकाकरण के अलावा कोई दूसरा हथियार अभी नहीं है। राज्य में इसके लिए अलग आइसोलेशन सेंटर भी बनाने की बात हो रही है।

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सबसे जरूरी बात ये है कि राज्य में अभी डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीजों की पहचान ही नहीं हो रही, इसकी बड़ी वजह जिनोम सिक्वेंसिंग का नहीं होना है। दरअसल राज्य में अब तक बायो सेफ्टी लैब-3 ही स्थापित नहीं हो पाई है। जबकि विशेषज्ञों ने पिछले साल ही इसकी जरुरत बता दी थी। चिंता की बात ये है कि अब तक बीएसएल-3 का प्रस्ताव ही तैयार हो पाया है। इसके अलावा डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीजों की पहचान के लिये जरूरी है कि अधिक से अधिक सैंपलों की जांच RTPCR पद्धति से हो, जबकि राज्य में 80 फीससी सैंपलों की जांच एंटीजन टेस्ट किट से हो रही है। 

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चिंता की बात ये भी है कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से बड़ी संख्या में लोग छत्तीसगढ़ आते हैं और बस स्टैंड से टेस्ट कैंप ही हट गया है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अब बीजेपी ने सरकार को घेरना भी शुरू कर दिया है। जबकि कांग्रेस कह रही है कि सरकार हर खतरे से निपटने के लिये तैयार है।

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जानकार बता रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है डेल्टा प्लस, खतरनाक वायरस से बचने का एकमात्र उपाय है कि हम कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना बेहद जरूरी है। जब तक वायरस का एक भी अंश जिंदा है हमें सावधानी बरतनी होगी।

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