महापुरुषों का बस नाम लेते हैं मोदी, विचार बिलकुल उल्टे : गहलोत

महापुरुषों का बस नाम लेते हैं मोदी, विचार बिलकुल उल्टे : गहलोत

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  • Publish Date - February 15, 2021 / 01:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

जयपुर, 15 फरवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री अपने भाषणों में जिन महापुरुषों का जिक्र करते हैं उनके विचार, मोदी के सोच से बिलकुल उल्टे थे।

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने सदन कहा कि मोदी बस नाम लेते हैं जबकि ‘‘मैं दावे कह सकता हूं कि इन महापुरुषों के विचार बिलकुल उल्टे हैं प्रधानमंत्री मोदी के विचारों से।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में मोदी श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम नहीं ले रहे केवल रबीन्द्रनाथ ठाकुर का नाम ले रहे हैं।

गहलोत ने कहा, ‘‘खुशी है कि वह गुरुवर ठाकुर का नाम लेते हैं। अच्छी बात है। रबिन्द्रनाथ ठाकुर का नाम लें, महात्मा गांधी का नाम लें, सरदार (वल्लभ भाई) पटेल का नाम लें, डॉ (भीम राव) आंबेडकर का नाम लें, कोई दिक्कत नहीं। ये सभी लोग बड़े महापुरुष हुए हैं।’’

गहलोत के अनुसार ठाकुर ने कहा था कि मानवता सबसे उपर है। राष्ट्र से उपर मानवता है। वहीं सुभाष चंद्र बोस उस जमाने में हिंदू महासभा के खिलाफ थे। सरदार पटेल ने तो गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और महात्मा गांधी जिनका कभी नाम लिया नहीं आपने।

गहलोत ने विपक्षी भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘आपके आरएसएस भक्तों ने 50 साल तक तिरंगा झंडा नहीं लहराया देश में। अब लहराने लग गए हैं। सत्ता इतनी प्यारी हो गयी है आपको कि सबकुछ भूलकर …कोई विचारधारा नहीं न नीति है न कार्यक्रम, पर हिंदुत्व की बात करो और सत्ता में कैसे आओ। इसलिए बस नाम लेते हैं प्रधानमंत्री! मैं दावे कह सकता हूं कि इन महापुरुषों के विचार बिलकुल उल्टे हैं मोदी के विचारों से। फिर भी नाम लेते हैं आप लोग।’’

गहलोत ने विपक्षी भाजपा की ओर देखते हुए कहा, ‘‘आप तो सरकारें गिराओ, इनकम टैक्स के छापे पड़वाओ, ईडी को घर में भेजो … यह धंधा कब तक करते रहोगे आप लोग? बचो इससे बचो। समझाओ अपने नेताओं को दिल्ली में। वरना जनता आने वाले समय में आपको माफ नहीं करेगी। वह आपको जिस प्रकार फर्श से अर्श पर ले गयी, अर्श से फर्श पर भी ले आएगी।’

भाषा पृथ्वी कुंज अर्पणा

अर्पणा