नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2017 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को लगभग 38.26 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है।
पीठासीन अधिकारी ऋचा मनचंदा की अध्यक्षता में एमएसीटी दीपक सिंह के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दीपक की 30 जुलाई, 2017 को एक कार द्वारा उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारने के बाद मृत्यु हो गई थी।
याचिका के अनुसार दीपक दिल्ली के खानपुर में मुख्य जीटी रोड बस स्टैंड के पास लाल बत्ती पार कर रहे थे, तभी तेज गति और लापरवाही से चलाई जा रही एक कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। दीपक को इस दुर्घटना में गंभीर चोटें आई थीं।
दीपक को तुरंत दिल्ली के नरेला स्थित एसआरएचसी अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद उन्हें लोक नायक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां अंततः उनकी मृत्यु हो गई।
न्यायाधीश ने 13 नवंबर को दिए गए फैसले में कहा, ‘‘रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर, इस न्यायाधिकरण ने माना है कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में सफल रहे हैं कि दीपक सिंह को दुर्घटना की तिथि और समय पर वाहन चालक द्वारा तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण सड़क दुर्घटना में घातक चोटें आईं थीं।’’
न्यायाधिकरण ने कहा कि दीपक अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला व्यक्ति था और पूरा परिवार उस पर निर्भर था, इसलिए सभी पांच याचिकाकर्ता सदस्य मुआवजे के हकदार थे।
न्यायाधिकरण ने विभिन्न मदों के तहत दीपक के परिवार को 38.26 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया।
दुर्घटना में शामिल वाहन एक वैध बीमा पॉलिसी द्वारा कवर किया गया था, जिससे बीमा कंपनी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पीड़ित के परिवार को पूर्ण मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी है।
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