एमयूडीए घोटाला: ईडी ने 100 करोड़ रुपये मूल्य की 92 संपत्ति कुर्क की

एमयूडीए घोटाला: ईडी ने 100 करोड़ रुपये मूल्य की 92 संपत्ति कुर्क की

एमयूडीए घोटाला: ईडी ने 100 करोड़ रुपये मूल्य की 92 संपत्ति कुर्क की
Modified Date: June 10, 2025 / 03:26 pm IST
Published Date: June 10, 2025 3:26 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के स्थलों के आवंटन में बड़े पैमाने पर हुए ‘‘घोटाले’’ के सिलसिले में 100 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाली 92 संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

इस घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की भी कथित तौर पर संलिप्तता बताई जा रही है।

प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक इस ‘घोटाले’ के संबंध में 400 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने आरोप लगाया है कि कुर्क की गई संपत्ति ‘हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटीज’ और ऐसे व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं, जो एमयूडीए अधिकारियों सहित प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए मुखौटा या ‘डमी’ के रूप में काम कर रहे थे।

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मुखौटा या ‘डमी’ से आशय ऐसे लोगों से है, जिनके नाम पर संपत्ति पंजीकृत होती है, लेकिन वे सिर्फ दिखावे के लिये मालिक होते हैं, जबकि उसका असली लाभ उठाने वाले प्रभावशाली लोग होते हैं, जो अपनी पहचान छिपाने के लिये दूसरों के नाम पर संपत्तियां पंजीकृत कराते हैं।

केंद्रीय एजेंसी ईडी ने कहा, ‘‘ईडी द्वारा कुर्क किए गए 92 एमयूडीए स्थल लगभग 300 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाले 160 एमयूडीए स्थलों की पिछली कुर्की का ही हिस्सा हैं।’’

एजेंसी ने कहा कि अब तक तकरीबन 400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, जो अपराध से अर्जित आय से बनाई गई है।

केंद्रीय एजेंसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘ईडी ने कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत लोकायुक्त पुलिस मैसूर द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की है।’’

ईडी ने कहा कि कुर्की सोमवार को की गई।

ईडी की जांच में विभिन्न कानूनों और सरकारी आदेशों/दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके और अन्य धोखाधड़ी के तरीकों से एमयूडीए स्थलों के आवंटन में ‘‘बड़े पैमाने पर घोटाला’’ सामने आया है।

ईडी ने कहा कि जीटी दिनेश कुमार सहित पूर्व एमयूडीए आयुक्तों की भूमिका अयोग्य संस्थाओं और व्यक्तियों को मुआवजे के रूप में दिए जाने वाले स्थलों के अवैध आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली के रूप में सामने आई है।

भाषा सुरभि दिलीप

दिलीप


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