Mulayam Singh
लखनऊ: Facts of Mulayam Singh Yadav उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह निधन हो गया। पूर्व सीएम को बीते तीन अगस्त को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। पिछले रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद देशभर की सियासत में शोक की लहर दौड़ गई है। आइए जानते हैं मुलायम सिंह की जिंदगी से जुड़े 8 बड़े राज…
Facts of Mulayam Singh Yadav मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में किस्सों की कमी नहीं है। लेकिन उनके जीवन में साधना गुप्ता का आना किसी बड़ी चर्चा से कम नहीं था। साधना उनकी दूसरी पत्नी कैसे बनीं और उनकी प्रेम कहानी घरवालों को रास क्यों नहीं आई इसकी भी एक रोचक दास्तान है।
Read More: पहले पहलवानी, फिर शिक्षक और उसके बाद नेतागिरी ! जानें कैसे बने मुलायम सिंह यादव ‘नेताजी’
मुलायम सिंह यादव जब राजनीति के शिखर पर थे उसी वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ। कहते हैं कि 1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने, उस वक्त साधना पार्टी में एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम कर रही थीं। बेहद खूबसूरत और तीखे नैन-नक्श वाली साधना पर जब मुलायम की नजर पड़ी तो वह भी बस उन्हें देखते ही रह गए।
अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को पहली ही नजर में मुलायम दिल दे बैठे थे। मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी। साधना की शादी फर्रुखाबाद के छोटे से व्यापारी चुंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गईं। इसके बाद शुरू हुई मुलायम और साधना की अनोखी प्रेम कहानी।
80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई।
नब्बे के दशक में जब मुलायम मुख्यमंत्री बने तो धीरे-धीरे बात फैलने लगी कि उनकी दो पत्नियां हैं लेकिन किसी की मुंह खोलने की हिम्मत ही नहीं पड़ती थी। इसके बाद 90 के दशक के अंतिम दौर में अखिलेश को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता के बारे में पता चला। कहते हैं कि उस समय मुलायम साधना गुप्ता की हर बात मानते थे।
1993-2007 के दौरान मुलायम के शासन में साधना गुप्ता ने अकूत संपत्ति बनाई। आय से अधिक संपत्ति का उनका केस आयकर विभाग के पास लंबित है। साल 2003 में अखिलेश की मां मालती देवी की बीमारी से निधन हो गया और मुलायम का सारा ध्यान साधना गुप्ता पर आ गया। हालांकि, मुलायम अब भी इस रिश्ते को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे। मुलायम और साधना के संबंध की जानकारी मुलायम परिवार के अलावा अमर सिंह को थी। मालती देवी के निधन के बाद साधना चाहने लगी कि मुलायम उन्हें अपनी आधिकारिक पत्नी मान लें, लेकिन पारिवारिक दबाव, ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चहते थे।
2006 में साधना अमर सिंह से मिलने लगीं और उनसे आग्रह करने लगीं कि वह नेताजी को मनाएं। अमर सिंह नेताजी को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता को अपनाने के लिए मनाने लगे। साल 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से मुलायम से साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और इस बार मुलायम उनकी बात मानने के लिए तैयार हो गए लेकिन अखिलेश इसके लिए कतई तैयार नहीं थे।
मुलायम सिंह की जिंदगी में कुछ ऐसे पल भी आए जिनसे वो खुद और उनका कुनबा विवादों में रहे। मुलायम सिंह यादव की पहली शादी घरवालों ने 18 साल की उम्र में ही कर दी थी। मुलायम उस वक्त दसवीं की पढ़ाई कर रहे थे। लोग बताते हैं कि उस वक्त गाड़ी-मोटर का इतना चलन नहीं था इसलिए मुलायम की बरात भैंसागाड़ी में गई थी।
मुलायम 5 भैंसागाड़ी लेकर अपनी शादी में पहुंचे थे। ऐसा ही एक किस्सा और भी है। मशहूर हास्य कवि अदम गौंडवी जब गंभीर रूप से बीमार पड़े तो उन्हें जरूरी इलाज नहीं मिल सका। गौंडवी के पुत्र लगातार नेताओं के चक्कर काटते रहे कि कोई पिता के लिए सिफारिश कर दे तो उन्हें अच्छा इलाज मिल सके, लेकिन बात नहीं बनी। लखनऊ के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में भी बीमार गौंडवी को जगह नहीं मिल सकी। इसकी जानकारी जैसे ही मुलायम सिंह को हुई तो उन्होंने तुरंत अस्पताल प्रबंधन से बात कर गौंडवी को अस्पताल में भर्ती कराया, हालांकि बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।