Muslims Reservation in Karnataka: कांग्रेस सरकार ने किया मुस्लिमों को इस क्षेत्र में 4 फ़ीसदी आरक्षण देने का ऐलान.. आगबबूला हुई भाजपा, बताया, असंवैधानिक..

इस निर्णय का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने तर्क दिया कि यह नीति एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों को कमजोर कर सकती है।

  •  
  • Publish Date - March 7, 2025 / 06:59 PM IST,
    Updated On - March 7, 2025 / 07:03 PM IST

muslims 4% Reservation in Karnatak || Image- Indian Cultural Forum

HIGHLIGHTS
  • कर्नाटक बजट 2025: मुस्लिम समुदाय के लिए 4% सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में आरक्षण
  • भाजपा का हमला: कर्नाटक सरकार के आरक्षण फैसले को बताया 'संविधान विरोधी' और 'तुष्टीकरण'
  • सियासी घमासान: कांग्रेस ने फैसले को बताया 'सामाजिक न्याय', भाजपा ने कहा 'वोट बैंक राजनीति'

Muslims 4% Reservation in Karnataka: बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश करते हुए घोषणा की कि सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों का 4 प्रतिशत अब श्रेणी-II बी के तहत मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित किया जाएगा।

Read More: Korba Crime Latest News: कोरबा में नहीं थम रही वारदातें.. अब हुई डेढ़ लाख रुपए की उठाईगिरी, कार का शीशा तोड़ ले भागे बदमाश

बजट के अनुसार, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), श्रेणी-I, श्रेणी-II ए और श्रेणी-II बी से संबंधित आपूर्तिकर्ताओं के लिए विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों और संस्थानों द्वारा एक करोड़ रुपये तक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में आरक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रावधान में श्रेणी-II बी के तहत मुसलमानों को भी शामिल किया गया है।

विरोध में भाजपा

Muslims 4% Reservation in Karnataka: इस निर्णय का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने तर्क दिया कि यह नीति एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों को कमजोर कर सकती है।

भाजपा ने बताया ‘हलाल बजट’

भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर “हलाल बजट” पेश करने का आरोप लगाया और इसे तुष्टीकरण की राजनीति बताया। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष प्रावधानों को तरजीह दी है, जबकि अन्य हाशिए पर पड़े समुदायों की जरूरतों की अनदेखी की गई है। भाजपा नेताओं ने इस फैसले को “घोटाला” करार देते हुए कांग्रेस पर राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग कर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।

Muslims 4% Reservation in Karnataka: वहीं, कांग्रेस सरकार का कहना है कि यह निर्णय सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। सरकार के अनुसार, इससे समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्राप्त होंगे और आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों को सरकारी परियोजनाओं में भागीदारी का अवसर मिलेगा।

Read Also: Bank Loan Fraud in UP: 13 मुर्दों को SBI ने दिया 70 लाख का लोन, खाते से निकाले गए पैसे, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

इस बीच, इस फैसले पर सियासी घमासान जारी है। जहां एक ओर कांग्रेस इसे समावेशी नीति बता रही है, वहीं भाजपा इसे भेदभावपूर्ण करार देकर इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है।

कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए 4% आरक्षण क्यों दिया?

कर्नाटक सरकार का कहना है कि यह निर्णय सामाजिक न्याय और आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों को सरकारी परियोजनाओं में भागीदारी देने के लिए लिया गया है।

क्या यह आरक्षण केवल मुस्लिम समुदाय के लिए है?

नहीं, यह आरक्षण श्रेणी-II बी के तहत आता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के अलावा अन्य पिछड़े वर्गों को भी शामिल किया गया है।

भाजपा इस फैसले का विरोध क्यों कर रही है?

भाजपा का तर्क है कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और यह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), एससी और एसटी समुदायों के अधिकारों को कमजोर कर सकता है।

भाजपा का तर्क है कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और यह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), एससी और एसटी समुदायों के अधिकारों को कमजोर कर सकता है।

यह आरक्षण सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों और एक करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में लागू होगा।

क्या यह फैसला कानूनी रूप से चुनौती दी जा सकती है?

हां, विपक्षी दल और कानूनी विशेषज्ञ इस फैसले को अदालत में चुनौती देने की संभावना जता रहे हैं।