नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली के साथ बैठक के दौरान भारत ने अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र और मानवीय जरूरतों को समर्थन देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने जारी स्वास्थ्य सहयोग की समीक्षा की और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, चिकित्सा आपूर्ति एवं क्षमता निर्माण में सहयोग को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।
नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि अफगानिस्तान के साथ भारत की भागीदारी कल्याण, क्षमता निर्माण और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच पर केंद्रित होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को भारत की सहायता मानवीय पहलुओं और दोनों देशों के लोगों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर आधारित है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी है और उन्हें लागू किया है। इनमें पक्तिया, खोस्त और पक्तिका प्रांतों में पांच प्रसूति एवं स्वास्थ्य क्लीनिक का निर्माण तथा काबुल में 30 बिस्तरों वाले एक अस्पताल के अलावा काबुल में ट्रॉमा सेंटर, निदान केंद्र और थैलेसीमिया केंद्र जैसी प्रमुख सुविधाओं का निर्माण या उन्नयन शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के लिए अतिरिक्त प्रस्तावों पर वर्तमान में सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि भारत ने पिछले चार वर्षों में अफगानिस्तान को 327 टन दवाएं और टीके की आपूर्ति की है।
नड्डा ने कहा कि कैंसर की दवाएं और एक सीटी स्कैन मशीन, जैसा कि अफगान सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुरोध किया गया था, भेजे जाने के लिए तैयार हैं और इस महीने के अंत तक इन्हें सौंप दिया जाएगा।
भाषा शफीक रंजन
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