मार्गरीटा, 24 अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि अतिक्रमण वाली भूमि से बेदखल किए गए लोगों के नाम उस स्थान की मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे, जहां वे अवैध रूप से रह रहे थे।
शर्मा ने तिनसुकिया के मार्गरीटा में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि राज्य की पिछली पीढ़ी निचले और मध्य असम को “बचाने” में विफल रही है, लेकिन ऊपरी और उत्तरी भागों को बचाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
उनका इशारा स्पष्ट रूप से उन क्षेत्रों में रहने वाली बांग्ला भाषी मुसलमानों की बड़ी आबादी की ओर था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर किसी को किसी जगह से बेदखल किया जाता है, तो उसका नाम उस जगह की मतदाता सूची में नहीं रह सकता। बेदखली के साथ ही, मतदाता सूची से नाम भी हटा दिया जाएगा।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उनकी कार्यप्रणाली अब ऊपरी और उत्तरी असम में घुसपैठ करने की है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि निचले और मध्य असम की तरह ये हिस्से भी खत्म न हो जाएं। हम और हमारी पिछली पीढ़ी निचले तथा मध्य असम को बचाने में नाकाम रही, लेकिन अब हम ऊपरी और उत्तरी असम को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
शर्मा ने पहले कहा था कि मई 2021 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद 15 जुलाई तक 1,19,548 बीघा (160 वर्ग किलोमीटर) जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई।
मुख्यमंत्री ने पहले दावा किया था कि राज्य में ‘एक धर्म’ के लोगों का ‘आक्रमण’ हो रहा है, जो कथित तौर पर इसकी जनसांख्यिकी को बदलने के लिए भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं।
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