जयपुर, 22 सितंबर (भाषा) राजस्थान में सोमवार को नवरात्रि का पहला दिन भव्य समारोहों और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया।
देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिवसीय उत्सव के आगमन का जश्न मनाने के लिए राज्य के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बांसवाड़ा से लेकर जयपुर, करौली और जोधपुर तक, श्रद्धालु प्रार्थना और अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए मंदिरों में एकत्रित हुए।
बांसवाड़ा के त्रिपुर सुंदरी मंदिर में देवी त्रिपुर सुंदरी को पांच किलोमीटर लंबी चुनरी चढ़ाई गई।
प्रतिवर्ष इस अनुष्ठान का आयोजन करने वाली विश्वकर्मा वंशी सेना ने इंदौर, उज्जैन और रतलाम समेत मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कई वाहनों के साथ एक भव्य शोभायात्रा निकाली।
आसपास के इलाकों से श्रद्धालु नंगे पैर मंदिर पहुंचे। इस अवसर पर मंदिर को सफ़ेद कपड़ों से खूबसूरती से सजाया गया था और सुबह घट स्थापना समेत कई विशेष अनुष्ठान किए गए।
मंदिर प्रबंधक जागेश पंचाल ने बताया कि पूरे उत्सव के दौरान गरबा जारी रहेगा। करौली के कैला देवी मंदिरों और करौली जिले के झील का बाड़ा स्थित करौली-बयाना मार्ग पर स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के लिए मंदिर के पास कालासिल घाट पर गोताखोर तैनात किए गए हैं।
जयपुर में, आमेर किले पर स्थित शिला माता मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। सुबह घट स्थापना समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर भक्ति मंत्रों से गूंज रहा था।
दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती पाठ और हवन जैसे विशेष धार्मिक आयोजन भी किए गए।
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