गाड़ी में नहीं भरा पाएंगे तेल अगर नहीं है ये जरूरी कागजात, जानिए कौन सा पेपर है जरूरी

गाड़ी में नहीं भरा पाएंगे तेल अगर नहीं है ये जरूरी कागजात!New Rules For Pollution Under Control Certificate To Become Very Important In Delhi

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  • Publish Date - January 29, 2022 / 06:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

नई दिल्ली: New Pollution Rules भारत में इन दिनों वाहनों से होने वाले प्रदुषण को लेकर सरकार चिंतित है। प्रदुषण कम करने को लेकर केंद्र और राज्य की सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं, सरकार ऐसा प्लान बना रही है, जिससे ऐसे वाहनों को पेट्रोल पंप में इंधन नहीं मिलेगा जिनके पास पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं है। दिल्ली सरकार इस बारे में सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए नीति का मसौदा सार्वजनिक डोमेन में भी रखेगी।

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New Pollution Rules दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, इस नीति से दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी। एक बयान में कहा गया है, “वाहन मालिकों को पेट्रोल पंप पर अपना पीयूसीसी ले जाना होगा। अगर पीयूसीसी अवैध पाया जाता है, तो पंप पर फिर से नया जारी करवाना होगा।” “यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी नीति है। दिल्ली सहित उत्तर भारत गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है, विशेष रूप से सर्दियों में। इस नीति के लागू होने से, ईंधन स्टेशन पर वाहनों के साथ उनका पीयूसी प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य होगा। इस तरह, राज्य में वाहनों के प्रदूषण स्तर को समय-समय पर कंट्रोल में रखा जाएगा।”

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इसके अलावा, सरकार नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने और वाहन या पेट्रोल पंप मालिकों को कोई असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कई टेक्नोलॉजी-आधारित उपायों को शुरू करने की भी योजना बना रही है। हालांकि इसके ब्योरे फिलहाल साझा नहीं किए गए हैं। उम्मीद है कि सरकार रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू करेगी। दिल्ली सरकार ने हाल ही में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स स्कीम, 2021 का मसौदा भी जारी किया है। इसी तरह, सरकार ने पहले भी दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश की थी, जिसका उद्देश्य 2024 तक कुल वाहन बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहन हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है।

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यह नीति अगस्त 2020 में शुरू की गई थी, जबकि इसके कुछ समय बाद अक्तूबर में, राज्य सरकार ने पीयूसी प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस उद्देश्य के लिए पेट्रोल पंपों पर लगभग 500 टीमों को तैनात किया गया।

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