अब तुरंत कर सकेंगे दवाओं की पहचान, इन दवाओं पर केंद्र लगाएगी QR Code

New scheme : Now you will be able to identify medicines immediately : अब तुरंत कर सकेंगे दवाओं की पहचान, इन दवाओं पर केंद्र लगाएगी QR Code

  •  
  • Publish Date - June 6, 2022 / 11:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

New scheme of central government : नई दिल्ली। अक्सर ऐसा होता है की हम दवाई लेने जाते है लेकिन ये सोचते है की ये दवाई असली है या नहीं? या उसकी कीमत ज्यादा तो नहीं वसूली जा रही है। अब देश में जल्द ही मेडिकल स्टोर या ऑनलाइन दवाइयां खरीदने के दौरान उनकी पहचान करना और उनकी सही कीमत जानना आसान हो जाएगा। दरअसल, दवा नियामक प्राधिकरण (डीपीए) ने 300 दवाओं पर क्यूआर कोड (QR Code) लगाने की तैयारी कर ली है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

मिली जानकारी के अनुसार इन दवाओं का चुनाव इनके सालभर के टर्नओवर पर किया गया है। बताया जा रहा है कि इनकी लिस्ट भी स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गई है, ताकि इन्हें क्यूआर कोड के तहत लाने के लिए नियम-कानून में जरूरी बदलाव किए जा सकें। बता दें सरकार ने हाल ही में दवाओं को बनाने में इस्तेमाल होने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट्स पर क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य कर दिया था। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।

Read More : बंदूकधारियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर फैलाई दहशत, गोली लगने से 3 की मौत कई घायल

इन दवाओं में होगा QR Code

सरकार द्वारा जिन दवाओं में QR Code सुविधा दी जाएगी वो दर्द निवारक, विटामिन सप्लीमेंट, ब्लड प्रेशर, शुगर और गर्भनिरोधक दवाएं आदि आम जरुरत की दवाएं होंगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें डोलो, सैरिडॉन, फैबीफ्लू, इकोस्पिरिन, लिम्सी, सुमो, कैलपोल, कॉरेक्स सीरप, अनवांटेड 72 और थाइरोनॉर्म जैसे बड़े ब्रांड भी शामिल हैं। बता दें ये सभी दवाएं ज्यादा मात्रा में खरीदी जाती हैं और आम बीमारियों जैसे बुखार, सिरदर्द, वायरल, विटामिन डेफिसिएंसी, खांसी, थाइरॉइड आदि से जुड़ी समस्याओं में बिना किसी झिजक के इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता हैं।

Read More : Uttarkashi accident: एयरफोर्स विमान से लाया जाएगा मृतकों का शव, CM शिवराज ने की घायलों से मुलाकात

ये होगा फायदा

केंद्र सरकार के इस फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल, क्यूआर कोड लगने से दवाओं की कीमतों और बिक्री में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही असली और नकली दवाओं की पहचान करना आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं इससे दवाओं की कालाबाजारी पर भी लगाम लगेगी। ड्रग्स की ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के लिए भी सिंगल क्यूआर कोड सिस्टम अधिक सुविधाजनक है। एपीआई में क्यूआर कोड लगाने से यह पता लगाना भी संभव होगा कि दवा बनाने में फार्मूले से किसी प्रकार की छेड़छाड़ तो नहीं की गई है।

ऐसी योजना बनाई जा रही है कि अगर ये उपाय कामयाब रहा, तो इसे बाकी सभी दवाओं पर लागू किया जाएगा, ताकि छोटे-मोटे दुकानदार या फार्मास्यूटिकल्स अपने मुनाफे के लिए कीमत या केमिकल फॉर्मूले में बदलाव ना कर सकें।

Read More : सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना, कहा- ‘कतर के आगे मोदी सरकार दंडवत…शर्म से सिर झुकाना पड़ा’