एनजीटी ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को तालाब से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर अमल को कहा

एनजीटी ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को तालाब से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर अमल को कहा

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  • Publish Date - January 7, 2021 / 10:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी (डीएम) को निर्देश दिया है कि वह एक तालाब से अतिक्रमण हटाने के उसके आदेश पर अमल करा तालाब की मूल स्थिति बहाल कराएं।

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब भी अधिकरण द्वारा अंतिम तौर पर कोई आदेश पारित किया जाता है तो उसे लागू किया जाना चाहिए।

अधिकरण ने कहा कि वह मामले को तीन साल से देख रहा है और व्यक्तिगत अतिक्रमण के मुद्दे को स्थानीय प्राधिकार वाली दीवानी अदालत द्वारा भी निपटाया जा सकता है।

पीठ ने कहा कि वह निर्देश देती है कि इस अधिकरण के आदेश की एक प्रति गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश को भेजी जाए ताकि दीवानी अदालत कानून के अनुसार आदेश को लागू करने की कार्यवाही कर सके।

उत्तर प्रदेश सरकार ने एनजीटी को बताया कि गाजियाबाद के एडीएम (नगर) की अगुवाई वाली एक संयुक्त समिति गठित की गई है और अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया गया था लेकिन वहां पर कानून एवं व्यवस्था की समस्या हो गई थी, क्योंकि कुछ परिवारों का स्थल पर कब्जा है।

बहरहाल, अधिकरण ने कहा, ‘ हमारा विचार है जब एक बार इस अधिकरण ने आदेश पारित कर दिया जिसे अंतिम रूप प्रदान किया गया है, तो उसे गाजियाबाद के जिलाधिकारी द्वारा लागू किया जाना चाहिए और तालाब की (मूल स्थिति) बहाल करनी चाहिए।’

एनजीटी पत्रकार सुशील राघव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उन्होंने एनजीटी के 2014 के आदेश को लागू करने का अनुरोध किया है। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को तालाब पर से छह महीने में अतिक्रमण हटाने और हर महीने स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था।

याचिका में दलील दी गई है कि मुख्य सचिव ने जलाशयों पर अतिक्रमण को लेकर स्थिति रिपोर्ट दायर नहीं की थी।

भाषा

नोमान पवनेश

पवनेश