एनजीटी ने सीवेज अपशिष्ट के अवैज्ञानिक तरीके से निस्तारण पर अधिकारियों से बैठक करने को कहा

एनजीटी ने सीवेज अपशिष्ट के अवैज्ञानिक तरीके से निस्तारण पर अधिकारियों से बैठक करने को कहा

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  • Publish Date - August 29, 2021 / 03:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली शहरी विकास और पर्यावरण विभागों के सचिवों को यहां संगम विहार में अवैज्ञानिक तरीके से सीवेज अपशिष्ट निस्तारण के मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट अधूरी है और यह नहीं दिखाती है कि जिन संस्थाओं को लाइसेंस दिए गए हैं, उनके संग्रह के बाद कचरे का निपटान कैसे किया जा रहा है।

एनजीटी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि एकत्र किए गए सभी अपशिष्ट को निर्धारित निपटान स्थानों और अंतिम गंतव्य पर लाया जा रहा है या नहीं, और निपटान का तरीका क्या है। एनजीटी ने कहा कि ऐसी जानकारी के अभाव में, जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) कानून, 1974 का उल्लंघन करते हुए अवैज्ञानिक निपटान से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस तरह के कचरे का अनुपचारित निपटान आपराधिक कृत्य है और इससे लोक स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और बृजेश सेठी भी थे। पीठ ने दिल्ली के शहरी विकास सचिव और पर्यावरण सचिव को संबंधित नगर निगमों और दिल्ली जल बोर्ड सहित अधिकारियों के साथ इस विषय पर एक संयुक्त बैठक करने का निर्देश दिया। अधिकारियों को सीवेज अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया गया।

एनजीटी दिल्ली के निवासी तिलक राज और अन्य द्वारा संगम विहार में ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों द्वारा सीवेज अपशिष्ट को खुले में फेंके जाने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिकाकर्ता के अनुसार इन गतिविधियों से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप