नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एनसीआर तथा ‘खराब’ वायु गुणवत्ता वाले अन्य शहरों के नगर निगमों और स्थानीय निकायों को सड़कों की सफाई से पहले उनपर पानी का छिड़काव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्ययामूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि छिड़काव के लिये जलशोधक संयंत्र के पानी का इस्तेमाल किया जाए न कि स्वच्छ पानी का।
पीठ ने कहा, ”हम प्रतिकूल वायु गुणवत्ता स्तर वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) तथा ‘खराब’ या उससे भी बुरी वायु गुणवत्ता वाले अन्य शहरों के नगर निगमों/स्थानीय निकायों को सड़कों की सफाई से पहले उन पर पानी का छिड़काव सुनिश्चित करने के लिये जरूरी कदम उठाने का निर्देश देते हैं।”
पीठ ने उन्हें फुटपाथ तथा सड़क के किनारों और धूल भरे खुले इलाकों में घास या छोटे-छोटे पेड़-पौधे उगाने का भी निर्देश दिया है।
एनजीटी ने कहा कि धूल पैदा न होने देने के लिये फुटपाथों को अच्छी तरह ढका भी जा सकता है। साथ ही बायोमास/अपशिष्ट को जलाए जाने से रोकने तथा निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों को नियंत्रित करने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।
अधिकरण ने यह निर्देश आर एस विर्क की याचिका पर दिए हैं। याचिका में महानगरों में सड़कों की सफाई के दौरान धूल उड़ने से होने वाले प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिये कदम उठाने की अपील की गई थी।
भाषा जोहेब मनीषा
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