एनआईए ने आतंकवाद वित्त पोषण मामले में जम्मू कश्मीर में 10 और बेंगलुरू में एक स्थान पर छापेमारी की

एनआईए ने आतंकवाद वित्त पोषण मामले में जम्मू कश्मीर में 10 और बेंगलुरू में एक स्थान पर छापेमारी की

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  • Publish Date - October 28, 2020 / 09:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

श्रीनगर, 28 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने धर्मार्थ कार्यों के वास्ते जुटाए गए धन को ट्रस्ट और एनजीओ द्वारा जम्मू कश्मीर में ‘‘अलगाववादी गतिविधियों’’ में इस्तेमाल करने के एक मामले में कश्मीर घाटी में 10 जगहों और बेंगलुरु में एक स्थान पर बुधवार सुबह छापेमारी की।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एनआईए ने एक बयान में कहा कि छापे के दौरान दोष साबित करने वाले कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए हैं।

जिनके परिसरों की तलाशी ली गई उनमें खुर्रम परवेज (जम्मू-कश्मीर कोअलिशन ऑफ सिविल सोसाइटी के समन्वयक), उनके सहयोगी परवेज अहमद बुखारी, परवेज अहमद मट्टा और बेंगलुरु में सहयोगी स्वाति शेषाद्रि तथा ‘एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स ऑफ डिसैपियर्ड पर्सन्स’ की अध्यक्ष परवीना अहंगर भी शामिल हैं।

बयान में कहा गया कि एनजीओ एथ्राउट और जीके ट्रस्ट के कार्यालयों की भी तलाशी ली गई। एजेंसी ने एक बयान में कहा ,‘‘आज (28/10/2020) को एनआईए ने श्रीनगर और बांदीपुरा में 10 स्थानों पर और बेंगलुरु में एक स्थान पर कुछ तथाकथित गैर-सरकारी संगठनों और ट्रस्टों से संबंधित एक मामले में छापे मारे जो धर्मार्थ कार्यों के नाम पर भारत और विदेशों से पैसे जुटा रहे थे और उनका इस्तेमाल जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने में कर रहे थे।’’

अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम ने स्थानीय पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की सहायता से ट्रस्ट के कार्यालय में सुबह छापे मारे। यह कार्यालय यहां एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र के परिसर में स्थित है।

उन्होंने बताया कि एनआईए ने कम से कम तीन अन्य एनजीओ पर जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिये कथित तौर पर धन मुहैया कराने के मामले में छापे मारे। इन एनजीओ की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी।

एनआईए के मुताबिक इन एनजीओ को अज्ञात दानदाताओं से धन मिल रहा था, जिसका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने में किया जा रहा था।

भाषा

शोभना दिलीप

दिलीप