नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में शिवपुरी-देवास ‘फोर-लेन’ एक्सप्रेसवे के उद्घाटन में उन्हें आमंत्रित नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उनसे अपने विभाग की ओर से माफी मांगी। शून्यकाल प्रारंभ होते ही गुना से सांसद सिंधिया ने कहा कि वह विशेषाधिकार हनन का नोटिस देना चाहते हैं।
सिंधिया ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि लोकार्पण कार्यक्रम में गडकरी गए थे, लेकिन आमंत्रण पत्र पर मेरा नाम नहीं था। जबकि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के सारे लोगों के नाम थे। इस बारे में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव मैं आपके द्वारा दे रहा हूं। सदन में शोरगुल के बीच गडकरी ने कहा, ‘आमंत्रण पत्र में सिंधिया का नाम नहीं था। यह मेरी जिम्मेदारी है क्योंकि मैं विभाग का मंत्री हूं’। गडकरी ने कहा, ‘मैं स्वीकार करता हूं कि सांसद आए या ना आए, उनका नाम आमंत्रण पत्र में रखना चाहिए था। मैं विभाग की ओर से क्षमा मांगता हूं’।
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हालांकि गडकरी के जवाब के बाद भी कांग्रेस सदस्य शांत नहीं हुए। ज्योतिरादित्य के साद कई कांग्रेस सदस्य सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए अपने स्थान पर खड़े हो गए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि गडकरीजी ने तुरंत माफी मांगी है। यह उनका बड़प्पन है। यह काफी अच्छी पहल है‘। कांग्रेस सदस्यों को शांत रहने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह तरीका ठीक नहीं है। स्पीकर ने कहा कि यहां पर भी निर्देश हैं कि जहां कहीं भी केंद्र सरकार का कार्यक्रम हो, तो सांसदों को बुलाया जाना चाहिए। अगर नहीं बुलाया जा रहा है, तो मैं कहना चाहती हूं कि बुलाया जाना चाहिए।