नई दिल्ली : Nitin gadkari Warn punjab cm केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर प्रदेश की बिगड़ी कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि अगर पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आठ हाइवे प्रोजेक्ट रद्द करने पड़ेंगे। पहले भी भूमि अनुपलब्ध रहने की वजह से तीन प्रोजेक्ट रद्द किए जा चुके हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी। कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। अगर इसे सुधारा नहीं जाता है तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आठ हाइवे प्रोजेक्ट रद्द कर देगा। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर हो रहीं हिंसक घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह चेतावनी भरा पत्र लिखा है। बता दें कि इन आठ प्रोजेक्ट की कुल लागत 14288 करोड़ है।
Nitin gadkari Warn punjab cm बता दें कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान कई जगहों पर काम को बाधित करने के लिए हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं। यह एक्सप्रेसवे राजधानी दिल्ली से माता वैष्णोदेवी कटरा तक बनाया जा रहा है। वहीं इसका एक हिस्सा अमृतसर तक भी जोड़ा जाना है। इंजीनियरों और कॉन्ट्रैक्टर्स पर हुए हमले को लेकर नितिन गडकरी ने नाराजगी जताई। लुधियाना में भी National Highways Authority of India के अधिकारियों को धमकी दी गई है और वे इस प्रोजेक्ट में लगे कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाएंगे।
Nitin gadkari Warn punjab cm इसके अलावा नितिन गडकरी ने अपने पत्र में भूमि अधिग्रहण का भी मामला उठाया है। उन्होंने इस पत्र के साथ हमले की कई तस्वीरें भी सबूत के तौर पर भेजी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर दखल देने की जरूरत है। ऐसे में अनुरोध है कि कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं और FIR दर्ज करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं का सामना ना करना पड़े।
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दरअसल नितिन गडकरी ने एक महीने पहले हाइवे प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक की थी और आश्वासन दिया था कि कानून व्यवस्था और भूमि अधिग्रहण के मामलों को हल किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि कानून व्यवस्था सुधारने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है बल्कि स्थिति और बद बदतर हो गई। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामले लंबित होने की वजह से कई जगहों पर ठेकेदारों को निशाना बनाया जाता है। अगर यही हाल रहा तो 8 हाइवे प्रोजेक्ट को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। भूमि उपलब्ध नही होने के कराण पहले ही NHAI ने तीन हाइवे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है।