नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली केंद्रीय गृह मंत्रालय की योजना का लाभ जघन्य अपराधों के आरोपी विचाराधीन कैदियों को नहीं मिलेगा। संशोधित दिशा-निर्देशों में इसकी घोषणा की गयी है।
इससे पहले, ये लाभ केवल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धन शोधन निवारण अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम आदि के तहत आरोपों का सामना करने वालों को ही उपलब्ध नहीं थे।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ‘‘आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अपराध, दहेज हत्या, बलात्कार, मानव तस्करी या पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध जैसे जघन्य अपराधों में शामिल व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता।’’
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अधिकार प्राप्त समिति तथा निगरानी समिति को इस संबंध में उचित सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।
संशोधित दिशा-निर्देशों में अधिकार प्राप्त समिति के विवेक पर उपलब्ध वित्तीय सहायता की सीमा को भी प्रति कैदी 40,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है।
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