‘नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन’ ने साहिबजादों के लिए ‘बाल वीर’ शब्द के इस्तेमाल का विरोध किया

‘नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन’ ने साहिबजादों के लिए ‘बाल वीर’ शब्द के इस्तेमाल का विरोध किया

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  • Publish Date - December 29, 2025 / 11:48 AM IST,
    Updated On - December 29, 2025 / 11:48 AM IST

चंडीगढ़, 29 दिसंबर (भाषा) ‘नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन’ (एनएपीए) ने सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों यानी साहिबजादों के लिए ‘बाल वीर’ शब्द इस्तेमाल किए जाने का विरोध करते हुए कहा है कि यह अनुचित है एवं उनकी वास्तविक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को नहीं दर्शाता।

एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने सोमवार को कहा कि साहिबजादे केवल बहादुर बच्चे नहीं थे बल्कि आध्यात्मिक रूप से जागरूक ऐसे शहीद थे जिन्होंने सिख मूल्यों और न्याय की रक्षा के लिए स्वेच्छा से अपने प्राण न्योछावर किए।

चहल ने एक बयान में कहा कि ‘बाल वीर’ शब्द उनके बलिदान की गहराई को कम करता है और सिख इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय को अत्यधिक सरल बनाकर पेश करता है। उन्होंने कहा कि उनके लिए सिख परंपरा में प्रचलित सम्मानजनक और ऐतिहासिक रूप से सटीक शब्दों-जैसे ‘साहिबजादे’, ‘शहीदी साहिबजादे’ या ‘छोटे साहिबजादे’-का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

एनएपीए ने कहा कि विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए सिख इतिहास को सुरक्षित रखने के लिहाज से सटीक भाषा का इस्तेमाल जरूरी है। संगठन ने विभिन्न संस्थाओं और संगठनों से ‘बाल वीर’ शब्द के इस्तेमाल से बचने और इसके स्थान पर सम्मानजनक शब्दावली अपनाने की अपील की।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की स्मृति में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाए जाने की 2022 में घोषणा की थी।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा