Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ में खो गए थे 50 हजार से ज्यादा लोग.. अपनों से मिलते ही छलक पड़े आंसू, इनमें ज्यादातर महिलाएं

महाकुंभ के अंतिम दिन, बिहार के मुजफ्फरपुर की कृष्णा देवी अपने परिवार से फिर से मिल गईं, और छत्तीसगढ़ के रायपुर की जंगी देवी भी अपने परिवार से मिल गईं। इसी तरह, नेपाल के बांके जिले के जगजन्नन धारू और नेपाल के सप्तरी के सीताराम शाह की पत्नी बिंदी भी सुरक्षित रूप से अपने प्रियजनों से मिल गईं।

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  • Publish Date - March 2, 2025 / 06:07 PM IST,
    Updated On - March 2, 2025 / 06:07 PM IST

Number of people lost in Mahakumbh || Image- The Guardian

HIGHLIGHTS
  • महाकुंभ 2025 में 50 हजार से ज्यादा लोग बिछड़े, 54,357 को अपनों से मिलाया गया
  • योगी सरकार की पहल: एआई-आधारित सिस्टम से हजारों बिछड़े श्रद्धालु अपनों से मिले
  • महाकुंभ पुनर्मिलन: नेपाल से लेकर बिहार-छत्तीसगढ़ तक के लोग परिवार से जुड़ पाए

Number of people lost in Mahakumbh: महाकुंभनगर: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने अपनी दिव्यता और भव्य आयोजन से एक नया इतिहास रचा। महाकुंभ में इस बार 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। संगम के तट पर 144 वर्षों के बाद आए इस पवन मौके ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के आस्थावान लोगों को आकर्षित किया।

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फिर से मिले, महाकुंभ में अपनों से बिछड़े लोग

श्रद्धालुओं के इस महासंगम में कई लोग अपने प्रियजनों से बिछड़ गए लेकिन, योगी सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप, 54,357 बिछड़े हुए व्यक्तियों को सफलतापूर्वक उनके परिवारों से मिलाया गया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल थीं। भारत के विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाने में पुलिस ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Number of people lost in Mahakumbh : दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर महाकुंभ क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया पाया केंद्र स्थापित किए गए। इन केंद्रों में अत्याधुनिक एआई-आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और मल्टीलैंग्वेज सपोर्ट्स शामिल थे। इस काम में एनजीओ ने भी सराहनीय भूमिका निभाई, जिसमें भारत सेवा केंद्र और हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति ने प्रमुख योगदान दिया।

भारत सेवा केंद्र की भूमिका

भारत सेवा केंद्र के भूले भटके शिविर के निदेशक उमेश चंद्र तिवारी के अनुसार, शिविर के अंत तक 19,274 खोए हुए व्यक्तियों को सफलतापूर्वक उनके परिवारों से मिलाया गया। सभी 18 खोए हुए बच्चों को भी सुरक्षित रूप से उनके परिवारों के पास वापस भेज दिया गया। खोया पाया केंद्र विशेष रूप से बिछड़े हुए व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाने तक लगातार उनका पता लगाने की कोशिश की जाती रही थी और आखिर में उन्हें कामयाबी मिली।

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अंतिम दिन के पुनर्मिलन की कहानियाँ

Number of people lost in Mahakumbh : महाकुंभ के अंतिम दिन, बिहार के मुजफ्फरपुर की कृष्णा देवी अपने परिवार से फिर से मिल गईं, और छत्तीसगढ़ के रायपुर की जंगी देवी भी अपने परिवार से मिल गईं। इसी तरह, नेपाल के बांके जिले के जगजन्नन धारू और नेपाल के सप्तरी के सीताराम शाह की पत्नी बिंदी भी सुरक्षित रूप से अपने प्रियजनों से मिल गईं। इस पूरे पहल और सफलता पर यूपी सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।

1. महाकुंभ 2025 में कितने लोग अपने परिवार से बिछड़ गए थे?

महाकुंभ 2025 में कुल 54,357 लोग अपने परिवार से बिछड़ गए थे, जिनमें से बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल थीं।

2. बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने के लिए क्या कदम उठाए गए?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए, जिनमें एआई-आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया।

3. खोए हुए बच्चों और बुजुर्गों की मदद में कौन-सी संस्थाएँ शामिल थीं?

भारत सेवा केंद्र और हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति सहित विभिन्न एनजीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे हजारों लोगों को उनके परिवार से पुनर्मिलन कराने में मदद मिली।