कटक, छह नवंबर (भाषा) ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन परिवारों को ”मुकदमेबाजी से मुक्त” भूमि देने का निर्देश दिया, जिनकी संपत्तियां पुरी में जगन्नाथ मंदिर विरासत गलियारा परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थीं।
सात विस्थापित परिवारों की ओर से दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए न्यायमूर्ति कुमारी संजू पांडा और न्यायमूर्ति एसके पाणिग्रही की खडपीठ ने पुरी प्रशासन को छह सप्ताह के अंदर इन्हें बतौर मुआवजा भूमि आवंटित करने को कहा।
अदालत ने दो नवंबर को जारी अपने आदेश में कहा, ” यह भी जरूरी है कि राज्य सरकार को प्रभावी निवारण तंत्र के लिए कुछ सक्रिय कदम उठाने चाहिए ताकि जमीन गंवाने वाले ऐसे लोगों को अपने अधिकारों के संरक्षण के लए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े, जिनका जीवन इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।”
परियोजना से प्रभावित परिवारों के लिए सरकार ‘पुनर्वास एवं पुन:स्थापना’ योजना लेकर आई लेकिन विस्थापित परिवारों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उन्हें विवादित जमीन मुआवजे के तौर पर दी है।
भाषा शफीक उमा
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