भुवनेश्वर, 28 नवंबर (भाषा) ओडिशा में विपक्षी बीजद और कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर राज्य में महिलाओं के यौन शोषण के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया और दावा किया कि बलात्कार के प्रति प्रशासन की ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति पर्याप्त नहीं है, क्योंकि लोग ‘शून्य घटनाएं’ चाहते हैं।
मलकानगिरी जिले के एमवी-79 थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव में छह से आठ वर्ष की आयु वर्ग की तीन लड़कियों के कथित यौन शोषण से संबंधित हालिया मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा हुई, जहां दोनों विपक्षी दलों ने राज्य सरकार के संवेदनशील मामले से निपटने के तरीके पर चिंता व्यक्त की।
कांग्रेस विधायक अशोक दास ने कहा, ‘यह सरकार बेहद असंवेदनशील है और सोचती है कि बलात्कार के मामले में मामला दर्ज करना या किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना ही उसकी एकमात्र जिम्मेदारी है, इसके अलावा कुछ नहीं। अगर आरोपियों को गिरफ्तार करना ही सब कुछ है, तो राज्य में बलात्कार के मामलों की संख्या क्यों बढ़ रही है? जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच, राज्य में बलात्कार के 2,933 और अपहरण के 8,270 मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे जघन्य अपराधों का कोई अंत नहीं है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार अक्सर पिछली सरकारों पर दोष मढ़कर बचने की कोशिश करती है।
दास ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहता कि पिछली सरकारों के दौरान बलात्कार नहीं हुए। सत्ताधारी पार्टी को यह समझना चाहिए कि अतीत में पीड़ितों को न्याय नहीं दिला पाने के कारण हम विपक्ष में हैं। आप भी वही गलती कर रहे हैं और जिम्मेदारी लिए बिना बच निकलने की कोशिश कर रहे हैं।’
बलात्कार के मामलों में राज्य सरकार के ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति के दावे का जिक्र करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जनता ‘जीरो टॉलरेंस’ नहीं, बल्कि ‘जीरो इंसिडेंट’ (शून्य घटनाएं) चाहती है।’
दास ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह अपनी ‘बचने की प्रवृत्ति’ बदले और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईमानदारी से काम करे। उन्होंने पूछा, ‘अगर राज्य में 15 महिलाओं के साथ बलात्कार होता है, तो सरकार की ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति का क्या मतलब है?’
बीजद विधायक गौतम बुद्ध दास ने भी भाजपा सरकार की आलोचना की और कुछ मामलों की ओर इशारा किया, जिनमें मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के गृह जिले क्योंझर का मामला भी शामिल है, जहां नाबालिग लड़की के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया।
मलकानगिरी के विधायक मंगू खिला ने आरोप लगाया कि आदिवासी बहुल मलकानगिरी जिले में बलात्कार की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं और सरकार इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है।
भाजपा विधायक बाबू सिंह और इरासिस आचार्य ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया और विपक्षी दलों पर अपराधों का राजनीतिकरण करने और ओडिशा को बदनाम करने का आरोप लगाया।
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने मुख्यमंत्री (जो गृह विभाग के भी प्रभारी हैं) की ओर से सदन में जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि 23 नवंबर को मलकानगिरी जिले में 48 वर्षीय एक व्यक्ति ने तीन नाबालिग लड़कियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।
मंत्री ने कहा, ‘पीड़ितों के परिवारों ने 25 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया, फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए, बयान दर्ज किए और 26 नवंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। भाजपा सरकार हमेशा से महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देती रही है।’
उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से बलात्कार के मामलों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है।
हरिचंदन ने दावा किया कि पिछले साल राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई है।
मंत्री ने कहा, ‘बलात्कार के मामलों में 3.3 प्रतिशत, तेजाब हमलों में 66.7 प्रतिशत और दहेज संबंधी अपराधों में 20.6 प्रतिशत की कमी आई है।’
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 15 महीनों में 9,000 से अधिक पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों की भर्ती की गई, सभी 649 पुलिस स्टेशनों में महिला और बाल डेस्क संचालित हैं, तथा 71 बाल मैत्रीपूर्ण स्टेशन और 24 विशेष पॉक्सो अदालतें काम कर रही हैं।
भाषा तान्या दिलीप
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