छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद इस राज्य में भी लागू होगी पुरानी पेंशन योजना!… सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा तोहफा
Old pension scheme in Himachal Pradesh : प्रदेश की कुर्सी संभालने वाले नए मुख्यमंत्री के सामने पुरानी पेंशन योजना को लागू करना सबसे बड़ी
Old Pension Scheme
नई दिल्ली : Old pension scheme in Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आ चुके है। प्रदेश में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है। हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों में से 40 पर कांग्रेस पार्टी ने अपना कब्जा जमाया है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी चुनावी वादों को पूरा करना। कांग्रेस ने हिमाचल चुनाव जीतने के लिए प्रदेश की जनता से कई बड़े वादें किए थे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वादा था पुरानी पेंशन योजना को लागू करना। कांग्रेस पार्टी से जो भी मुख्यमंत्री बनेगा उसके लिए इस योजनका को लागू करना एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
सरकारी कर्मचारियों को जल्द मिलेगा तोहफा
Old pension scheme in Himachal Pradesh : प्रदेश की कुर्सी संभालने वाले नए मुख्यमंत्री के सामने पुरानी पेंशन योजना को लागू करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार का गठन होने के बद राज्य के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का तोहफा दिया जाएगा। दरअसल, कांग्रेस ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘पुरानी पेंशन योजना’ को लागू करने का वादा किया था।
कांग्रेस ने किया था पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा
Old pension scheme in Himachal Pradesh : इसकी संभावना इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को पहले ही लागू किया जा चुका है। पार्टी ने सत्ता में आने पर गुजरात और हिमाचल में भी इसे लागू करने का वादा किया था। नई गठित होने वाली हिमाचल सरकार की तरफ से यदि चुनावी वादे को पूरा किया जाता है तो सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगा। राज्य सरकार के ऊपर पहले से ही करीब 70 हजार करोड़ का कर्ज है।
प्रदेश पर है करीब 70,000 करोड़ का कर्ज
Old pension scheme in Himachal Pradesh : सितंबर 2022 में ही हिमाचल सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 2500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इससे पहले जुलाई में 1000 करोड़ और अगस्त में 1500 करोड़ रुपये का कर्ज राज्य सरकार ने लिया था। इस तरह मौजूदा वित्तीय वर्ष में हिमाचल सरकार ने 5000 करोड़ का कर्ज लिया था। सरकार पर पहले से ही 62,200 करोड़ रुपये का कर्ज थी। ताजा आंकड़ों के आधाार पर राज्य सरकार पर करीब 70,000 करोड़ का कर्ज है। ऐसे में पुरानी पेंशन योजना को लागू करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
यह भी पढ़ें : शादी के घर में हुआ बड़ा हादसा, चार लोगों की दर्दनाक मौत, 60 घायल
नीति आयोग की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि कर्ज में डूबे राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकता है। आपको बता दें हिमाचल सरकार ने आखिरी बार महंगाई भत्ते में इजाफे की घोषणा जनवरी 2022 में की थी। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुलाई 2021 के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके इसे 28 से 31 प्रतिशत किया था।

Facebook



