बीएचयू में प्रोफेसर का विरोध, ‘मैं मुस्लिम हूं तो क्या मैं संस्कृत नहीं सिखा सकता’?

बीएचयू में प्रोफेसर का विरोध, 'मैं मुस्लिम हूं तो क्या मैं संस्कृत नहीं सिखा सकता'?

बीएचयू में प्रोफेसर का विरोध, ‘मैं मुस्लिम हूं तो क्या मैं संस्कृत नहीं सिखा सकता’?
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: November 19, 2019 7:49 am IST

वाराणसी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति हुई है। फिरोज खान को लेकर परिसर में धरना-प्रदर्शन पिछले आठ दिनों से चल रहा है। इस विरोध को बीएचयू के कुलपति पहले ही नजरअंदाज कर चुके हैं। नियुक्ति के विरोध में कुलपति आवास के बाहर दस दिनों से चल रहे छात्रों के धरने के दौरान ‘मिर्ची हवन’, बुद्धि-शुद्धि यज्ञ, रुद्राभिषेक के बाद सोमवार को हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ किया गया।

यह भी पढ़ें —सामने आया CM केजरीवाल के लापता होने का पोस्टर, लिखा- क्या आपने दिल्ली जल बोर्…

इस डॉ फिरोज खान ने कहा कि संस्कृत से उनका खानदानी नाता है। मेरे दादा गफूर खान राजस्थान में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भजन गाकर इतने मशहूर थे कि लोग उनको दूर-दूर से बुलाने आते थे। मेरे पिता भी दादा के पदचिह्नों पर चलकर संस्कृत की पढ़ाई करने के साथ जयपुर में एक गोशाला के लिए प्रचार-प्रसार करने के साथ गो-सेवा का महत्व बताते थे। हमें उस समय न अपने दादा से कोई समस्या थी न पिता से फिर मुझे बीएचयू में संस्कृत पढ़ाने में क्या समस्या होगी।

 ⁠

यह भी पढ़ें — फातिमा लतीफ आत्महत्या केस, निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर साथी छात्र…

बीते दिनों बीएचयू के संस्कृत विभाग के सहायक प्रोफेसर के पद के लिए 10 उम्मीदवारों को चुना गया था। जिन उम्मीदवारों का साक्षात्कार हुआ उसमें सबसे ज्यादा अंक पाकर फिरोज खान की नियुक्ति की गई। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बीएचयू में सहायक प्रोफेसर बने फिरोज का कहना है कि हिंदुस्तान में मुझे अपने धर्म के कारण कभी किसी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा। बीएचयू परिसर में उनके खिलाफ चल रहे विरोध के बारे में चर्चा करने पर वह कहते हैं छात्रों का एक समूह नहीं चाहता कि मैं उन्हें संस्कृत सिखाऊं क्योंकि मैं हिंदू नहीं हूं।

यह भी पढ़ें —शराबबंदी को लेकर बड़ा फैसला, ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर दुकानो…

खास बात यह है संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रफेसर की नियुक्ति उस शहर में हो रही है जहां दो मुस्लिम संस्कृत विद्वानों को हाल ही में पद्म अलंकरणों से सम्मानित किया गया है। डॉ. मोहम्मद हनीफ खान शास्त्री को इस साल पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। वह वाराणसी के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में प्रफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुए। इसके साथ ही महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के नाहिद आबिदी भी पद्म श्री से सम्मानित हो चुके हैं।

<iframe width=”892″ height=”502″ src=”https://www.youtube.com/embed/RGIbH4xEoZU” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com