मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया

मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया

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  • Publish Date - December 16, 2025 / 02:22 PM IST,
    Updated On - December 16, 2025 / 02:22 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने और नए विधेयक में राष्ट्रपिता का नाम नहीं होने के खिलाफ मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई अन्य नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट खड़े होकर नारे लगाए।

विपक्षी सांसदों ने हाथ में महात्मा गांधी का पोस्टर ले रखा था और उन्होंने ‘महात्मा गांधी की जय’ के नारे लगाए।

प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनरेगा का नाम बदलने के पीछे की सच्चाई यह है कि मोदी सरकार रोजगार के कानूनी अधिकार को ख़त्म करना चाहती है। इस योजना से देश के गरीब से गरीब मजदूरों को रोजगार की गारंटी मिलती है, लेकिन मोदी सरकार को योजनाओं के नाम बदलने की सनक है।’’

अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपना नाम भी बदल देना चाहिए।

यादव ने कहा, ‘‘राष्ट्रपिता ने देश की आत्मा को जगाने का काम किया, आजादी में उनकी सबसे बड़ी भूमिका था…भाजपा के पास कोई नया काम करने के लिए नहीं है, इसलिए फिर से नाम बदला जा रहा है।’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब ‘दिल्ली वाले’ भी नाम बदलने को लेकर ‘उत्तर प्रदेश वाले’ के रास्ते पर चल रहे हैं।

यादव ने कहा, ‘‘ये डबल इंजन सिर्फ नाम बदलने में लगे हैं। भाजपा वाले अपना नाम क्यों नहीं बदल देते।’’

सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर लाया गया है।

भाषा हक हक वैभव

वैभव