सात राज्यों में हिंसा, आगजनी और कायर करणी सेना के विरोध के बाद आज सात हजार स्क्रीन्स पर रिलीज हुई ‘पद्मावत. मध्यप्रदेश समेत 4 राज्यों के मल्टीप्लेक्स नहीं दिखाएंगे फिल्म. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पुलिस ने कहा- प्रदर्शनकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई.
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फिल्म के विरोध और गुजरात के मॉल में की घटना को देखते हुए रायपुर के सभी मॉल्स, टॉकीज सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. पेट्रोलिंग पार्टी, बाइक पेट्रोलिंग और 2 AD पार्टी को भी अलर्ट किया गया है. वहीं प्रदर्शन कर रहे करीब 29 लोगों को गिरफ्तार कर सशर्त रिहा किया गया है. आपको बतादें राजपूत महासभा ने लिखित में दिया है कि वे अब फिल्म को लेकर कोई विरोध नहीं करेंगे.
फिल्म रिलीज से पहले कहां क्या हुआ? एक नजर
इंदौर के महू में .राजपूत समाज ने विरोध जताते हुए महू के किशनगंज थाना क्षेत्र के पिगडंबर चौराहे पर रैली निकाली, समाज के लोगों ने बम्बई आगरा हाईवे में चक्काजाम करते हुए आगजनी की और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. मौके पर पुलिस विरोध को मूक बधिर होकर देखती रहीं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका. इस दौरान करीब 4 घंटे तक हाईवे में जाम लग गया.
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ग्वालियर के फूलबाग चौराहे में भी प्रदर्शन हुआ. कायर सेना के कार्यकर्ताओ ने सड़कों पर टायरों में आग लगा दी । इस दौरान कवरेज कर रहे न्यूज रिपोर्टर पर भी कायर सेना का कार्यकर्ताओं ने हमला किया. जिसके बाद पत्रकार धरने पर बैठ गए.
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रतलाम में फिल्म पद्मावत को बैन करने की मांग को लेकर 20 से ज्यादा राजपूत महिलाओं ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है | इन महिलाओ ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और एसडीएम को मांग पत्र सौंपा. महिलाओं के मुताबिक फिल्म में माँ पद्मावती को गलत ढंग से दिखाया गया है जो बर्दाश्त के बाहर है.
खंडवा में कायर सेना के कार्यकर्ता सिनेमाघऱों में गए और फिल्म न दिखाने की अपील की. कायर सेना ने साफ कहा है कि किसी भी सिनेमा घर में हम पद्मावत फ़िल्म नही चलने देंगे। सरकार कुछ बीच का रास्ता निकाले, नहीं विरोध आक्रामक होगा.
जबलपुर का समदडिया मॉल और साउथ एवेन्यू मॉल संचालकों ने फिल्म के विरोध के चलते फ़िल्म प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. इस संबंध में मॉल संचालकों ने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा भी की। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि जब तक फिल्म का विरोध देश में शांत नहीं हो जाता तब तक फिल्म रिलीज नहीं की जाएगी.
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छतरपुर के सिनेमाघऱ संचालकों ने विरोध को देखते हुए फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया है. छतरपुर के 4 सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन होना था. लेकिन कायर सेना और क्षत्रिय सेना के कार्यकर्ताओं ने सभी संचालकों को फिल्म न दिखाने का आग्रह किया था.
वेब डेस्क, IBC24