नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा)भारत ने बृहस्पतिवार को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, जर्मनी और कई अन्य देशों के राजनयिकों को पहलगाम आतंकवादी हमले और सीमा पार आतंकवाद से इसके संबंध के बारे में जानकारी दी। पूरे प्रकरण की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने राजनयिकों को निर्दोष नागरिकों पर हुए नृशंस आतंकवादी हमले के विभिन्न पहलुओं तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘‘शून्य सहनशीलता’’ की दृढ़ नीति से अवगत कराया।
राजनयिकों को संबंधित जानकारी भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कई कदमों की घोषणा के एक दिन बाद दी गई। भारत ने बुधवार को पाकिस्तानी सैन्य प्रतिनिधियों को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करने सहित कई अहम कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पहलगाम हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक उपायों को अंतिम रूप दिया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि राजनयिकों को इस नृशंस आतंकवादी हमले तथा आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ‘‘शून्य सहनशीलता’’ की दृढ़ नीति के बारे में अवगत कराया गया।
उन्होंने बताया की राजनयिकों को जानकारी देने के लिए आयोजित बैठक में ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नॉर्वे, इटली, इंडोनेशिया और मलेशिया के राजनयिक भी मौजूद रहे।
मिसरी ने बृहस्पतिवार रात आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पहलगाम हमले के सीमापार संबंधों की जानकारी सीसीएस को दी गई गई जिसके आधापर सीसीएस ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को ‘‘उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा देने’’ का संकल्प जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अब आतंकियों की ‘‘बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने’’ का समय आ गया है। मोदी ने बिहार के मधुबनी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है बल्कि देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है।
उन्होंने अपने भाषण में कुछ बातें अंग्रेजी में भी कहीं, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मित्रों, आज मैं बिहार की धरती से पूरी दुनिया को बता देना चाहता हूं कि भारत एक एक आतंकवादी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। हम धरती के आखिरी छोर तक उनका (पहलगाम के हमलावरों का) पीछा करेंगे। आतंकवाद कभी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा।’’
भाषा धीरज माधव
माधव