नई दिल्लीः Pankaj Kumar became minister 50 साल की रेखा गुप्ता जिंदल दिल्ली की नौवीं बन गई है। दिल्ली के रामलीला मैदान में उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली। रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने भी शपथ लिया। इसमें अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह का नाम शामिल है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की। कुछ विशिष्ट मेहमानों समेत लगभग 50,000 लोगों के इस समारोह में भाग लिया।
Pankaj Kumar became minister पंकज कुमार सिंह का जन्म 6 नवंबर 1977 को दिल्ली के विकासपुरी में हुआ था। उनके पिता राज मोहन सिंह एमसीडी में अडिशनल आयुक्त थे। सिंह पेशे से एक डेंटिस्ट हैं। उन्होंने 1998 में मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, बिहार से BDS की डिग्री हासिल की। उनकी पत्नी रश्मि कुमारी भी डेंटिस्ट हैं।
पंकज सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत MCD के पार्षद के रूप में की। वो पहली बार विधायक चुनकर आए हैं। पंकज सिंह दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को हराया था। विधानसभा चुनाव में विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने 135,564 वोट हासिल किए। उन्होंने आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक महेंद्र यादव को 12,876 वोटों से हराया।
दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों की आबादी काफी ज्यादा है। कई सीटों पर पूर्वाचंली वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ऐसे में बीजेपी पूर्वाचली वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है। इसलिए पार्टी ने पूर्वांचली चेहरे पंकज कुमार सिंह को मंत्री बनाने का फैसला किया है। बिहार में बक्सर के रहने वाले पंकज कुमार सिंह पहली बार विधायक बने हैं। इसके साथ ही वो राजपूत समाज से आते हैं।
बता दें कि बीते कुछ दिनों से पंकज सिंह की किस्मत ने गजब हिचकोले खाए। पांच फरवरी को दिल्ली की विकासपुरी सीट से भाजपा उम्मीदवार डॉ. पंकज कुमार सिंह ने चुनाव लड़ा और 8 फरवरी को उन्हें जीत मिली। इसके बाद उनके घर में खुशियों की लहर थी लेकिन 10 दिन बाद उनकी खुशियां मातम में बदल गईं। 18 फरवरी को उनकी मां का देहांत हुआ और 19 फरवरी को मां का अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच 19 फरवरी की रात कुछ ऐसा हुआ, जिसका उन्हें भी भरोसा नहीं था। उन्हें और उनके परिवार को इसकी भनक तक नहीं थी। भाजपा ने उन्हें कैबिनेट में मंत्री पद की जगह दी और इस तरह उन्हें रेखा गुप्ता की भाजपा सरकार में मंत्री पद मिल गया।