नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) संसद की एक समिति ने यूट्यूब एवं अन्य सोशल मीडिया पर कार्यक्रम करने वाले रणवीर इलाहाबादिया की अपमानजनक टिप्पणी के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा तीखे शब्दों का उपयोग किए जाने का हवाला देते हुए बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से कहा कि वह ऐसे मामलों से निपटने में मौजूदा कानूनों के असर और ऑनलाइन मंचों को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए आवश्यक किसी भी संशोधन पर एक नोट प्रस्तुत करे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने इस मुद्दे पर मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘डिजिटल और सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय से अनुरोध है कि वह ऐसे मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों के असर पर इस समिति को एक संक्षिप्त नोट भेजें और यह बताएं कि क्या ऐसे मंचों को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए मौजूदा कानूनों/आईटी अधिनियम, 2000 में संशोधन करने की आवश्यकता है।’
इसमें कहा गया है कि मंत्रालय को 25 फरवरी तक अपना नोट जमा करने के लिए कहा गया है।
समिति ने मंत्रालय से उच्चतम न्यायालय की उस टिप्पणी पर ध्यान देने को कहा, जिसमें शीर्ष अदालत ने इलाहाबादिया को फटकार लगाई थी।
भाषा हक
हक माधव
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