Indian Railway: गलत सूचना से छूटी यात्री की ट्रेन, नहीं दी कोई जानकारी, अब रेलवे पर कोर्ट ने ठोका जुर्माना

Indian Railway: गलत सूचना से छूटी यात्री की ट्रेन, नहीं दी कोई जानकारी, अब रेलवे पर कोर्ट ने ठोका जुर्माना

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  • Publish Date - July 4, 2025 / 09:18 PM IST,
    Updated On - July 4, 2025 / 09:19 PM IST

Indian Railway | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना नहीं मिलने पर यात्री की ट्रेन छूटी
  • फोरम ने इसे सेवा में कमी मानते हुए रेलवे पर लगाया जुर्माना
  • 45 दिनों में मुआवजा देने का आदेश नॉदर्न रेलवे को जारी

नई दिल्ली: Indian Railway ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए प्लेटफॉर्म बदल जाना अब आम समस्या बन चुकी है। आए दिन ये किसी न किसी यात्रियों के साथ होता ही है। अक्सर देखा जाता है कि यात्री अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचते हैं, लेकिन बाद में प्लेटफॉर्म बदल जाता है, जिसकी वजह से उन्हें एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाना पड़ता है। ऐसा ही वाकया मुरादनगर के रहने वाले एक अनुभव प्रजापति के साथ हुआ था। लेकिन उन्हें प्लेटफॉर्म बदलने की जानकारी नहीं मिली, जिसकी वजह से उनकी ट्रेन छूट गई।

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Indian Railway जानकारी के अनुसार, मामला 29 फरवरी साल 2024 की है। दरअसल, अनुभव अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से झांसी जा रहे थे। उनकी ट्रेन सुबह 3.20 को थी। परिवार समय से पहले गाजियाबाद स्टेशन पहुंचकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। लेकिन कुछ देर बाद अनाउंसमेंट हुई कि ट्रेन लेट से चल रही है। जिसके बाद वो अपने परिवार के साथ प्लेटफॉर्म 3 पर शिफ्ट हो गए। लेकिन वहां उन्हें पता चला कि अयोध्या एक्सप्रेस कई समय से खड़ी है और उन्हें अपनी ट्रेन के बारे में दोबारा जानकारी नहीं मिली थी, तो वो अपने परिवार के साथ उसी प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार करते रहे।

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काफी देर देखने के बाद जब ट्रेन नहीं आई तो वो पूछताछ केंद्र गए। प्रजापति ने बताया कि रूम बंद था। फिर उन्होंने रेलवे के अधिकारियों को टैग करते हुए 5.21 बजे ट्वीट भी किया। लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया। अनुभव अपने परिवार के साथ प्लेटफॉर्म 3 पर इंतजार करते रहे। करीब 6 बजे उन्हें पता चला कि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 2 पर आकर निकल भी गई है।

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इस मामले पर फोरम में रेलवे अधिकारियों से जवाब मांगा गया। तो दलील दी गई कि रेलवे की पॉलिसी कहती है कि 3 घंटे से ज्यादा देरी पर ही टिकट रिफंड दिया जाएगा। इस केस में ऐसा नहीं था वरना हम टिकट के पैसे लौटा देते।

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फोरम ने कहा कि रिफंड पॉलिस की इजाजत नहीं है, लेकिन रेलवे की लापरवाही की वजह से ही परिवार की ट्रेन छूटी है। रेलवे ने ट्रेन के आने-जाने के बारे में ठीक से अनाउंसमेंट नहीं किया जिस वजह से ट्रेन मिस हो गई। इसलिए जुर्माना तो देना होगा।

23 जून को जारी आदेश में फोरम ने कहा है, रेलवे ने सही तरीके से अनाउंसमेंट किया था ये साबित करने के लिए उसकी तरफ से कोई भी दावा नहीं पेश किया गया है। इसलिए इसे सेवा की कमी की तरह देखा जाएगा, जिसकी वजह से ट्रेन छूटी और यात्री को मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा। कोर्ट ने नॉदर्न रेलवे के जनरल मैनेजर और स्टेशन सुपरिटेंडेंट, स्टेशन मास्टर, डिविजनल रेलवे मैनेजर को 45 दिनों के अंदर जुर्माना देने का आदेश दिया है।

"रेलवे प्लेटफॉर्म बदलने से ट्रेन छूट गई" तो क्या यात्री को मुआवजा मिल सकता है?

अगर रेलवे की सूचना प्रणाली में कमी या लापरवाही साबित होती है, तो उपभोक्ता फोरम मुआवजे का आदेश दे सकता है, जैसा कि इस केस में हुआ।

"रेलवे प्लेटफॉर्म बदलने से ट्रेन छूट गई" – क्या टिकट का रिफंड मिलेगा?

रेलवे की रिफंड पॉलिसी के अनुसार, अगर ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा लेट हो तो रिफंड मिल सकता है, अन्यथा नहीं। लेकिन लापरवाही साबित हो तो फोरम के माध्यम से मुआवजा मिल सकता है।

"रेलवे प्लेटफॉर्म बदलने से ट्रेन छूट गई" – यात्री क्या कदम उठा सकते हैं?

ऐसे मामले में यात्री रेलवे अधिकारियों से शिकायत, सोशल मीडिया पर रिपोर्ट और उपभोक्ता फोरम में केस फाइल कर सकते हैं।