नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को ‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को पंजीकृत करने में तकनीकी कठिनाइयों का उल्लेख किया और पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया।
केंद्र ने सभी वक्फ संपत्तियों की जियो-टैगिंग के बाद एक डिजिटल सूची बनाने के लिए बीते छह जून को एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (उम्मीद) अधिनियम केंद्रीय पोर्टल शुरू किया था। ‘उम्मीद’ पोर्टल के आदेश के अनुसार, भारत भर में सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों का विवरण अनिवार्य रूप से छह महीने के भीतर अपलोड किया जाना है।
पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पोर्टल की समयसीमा बढ़ाने से इनकार करने के बाद देश भर के मुतवल्ली वक्फ संपत्तियों का विवरण अपलोड करने के लिए परेशान हैं।
इलियास ने एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि, हर जगह से ऐसी खबरें आ रही हैं कि पोर्टल बार-बार क्रैश हो रहा है, धीमा हो रहा है और कभी-कभी पूरी तरह से बंद हो रहा है। जाहिर है, इतने कम समय में लाखों संपत्तियों को अपलोड करना लगभग असंभव है।’’
इसलिए, बोर्ड ने इन कठिनाइयों की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए तुरंत अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन से आग्रह किया कि न केवल तकनीकी मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए बल्कि पोर्टल की समय सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए।
इलियास ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र बुधवार को बोर्ड के महासचिव मौलाना मुहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दीदी द्वारा ईमेल और पोस्ट दोनों के माध्यम से मंत्री को भेजा गया था।
पत्र में मंत्री को याद दिलाया है कि सरकार की ही मंशा है कि वक्फ बोर्ड में पहले से पंजीकृत सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए, लेकिन पोर्टल की धीमी गति और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण इस लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका।
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