गणतंत्र दिवस हिंसा के लिए पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों पर कार्रवाई का अनुरोध संबंधी याचिका खारिज

गणतंत्र दिवस हिंसा के लिए पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों पर कार्रवाई का अनुरोध संबंधी याचिका खारिज

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  • Publish Date - February 1, 2021 / 10:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की परेड के बेकाबू हो जाने का ‘अनुमान नहीं लगा पाने’ और उन्हें ‘नियंत्रित नहीं कर पाने’ के सिलसिले में संबंधित पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों के खिलाफ कार्रर्वाई का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर 10000 रूपये का जुर्माना लगाया।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने यह कहते हुए जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि अदालत के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी क्योंकि पुलिस ने 26 जनवरी की घटना के सिलसिले में प्राथमिकियां दर्ज की हैं।

तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर परेड अराजक हो गई थी। उस दिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने जगह जगह अवरोधक हटा दिये थे। वे पुलिस के साथ भिड़ गये थे, उन्होंने वाहन पलट दिये थे और लाल किले पर धार्मिक ध्वज लगा दिया था।

याचिकाकर्ता एनजीओ ‘दिल्ली सिटीजन फोरम फोर सिविल राईट्स’ के अध्यक्ष जोगिंदर तुली ने पुष्टि की कि अदालत ने 10,000 रूपये का जुर्माना लगाकर याचिका खारिज कर दी।

एनजीओ ने याचिका में दावा किया था कि सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक की वजह से यह घटना हुई थी और लाल किले पर किसानों ने तिरंगे के बजाय एक धार्मिक ध्वज फहराकर राष्ट्र ध्वज का अपमान किया था।

भाषा

राजकुमार शाहिद

शाहिद