गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी मांगने वाले पीएफआई सदस्य को प्राथमिकी की प्रति मिली

गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी मांगने वाले पीएफआई सदस्य को प्राथमिकी की प्रति मिली

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  • Publish Date - October 10, 2022 / 03:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय को सोमवार को सूचित किया गया कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने से पहले बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए उस व्यक्ति को प्राथमिकी और गिरफ्तारी दस्तावेज की प्रतियां उपलब्ध करा दी गई हैं जो गिरफ्तारी का कारण बताए जाने की मांग कर रहा था।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित कार्यकर्ता ने उच्च न्यायालय का रुख किया था और अब प्रतिबंधित किए जा चुके संगठन के सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी, उनमें से प्रत्येक की गिरफ्तारी का कारण बताए जाने और हिरासत में आरोपियों से पूछताछ के लिए एनआईए द्वारा दायर रिमांड आवेदनों की प्रति मांगी थी।

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख निर्धारित की क्योंकि आरोपी के वकील ने कहा कि मामला आज बाद में निचली अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है तथा उन्हें उम्मीद है कि उनके मुवक्किल को रिमांड आवेदन प्रदान किया जाएगा क्योंकि उसकी एनआईए हिरासत समाप्त होने की संभावना है।

सख्त आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को चेन्नई से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद यूसुफ के वकील ने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि याचिका दायर करने के बाद उन्हें प्राथमिकी की एक प्रति मिली है तथा आरोपी को एनआईए के रिमांड आवेदन से उसकी गिरफ्तारी के कारणों का पता चल जाएगा।

यूसुफ की ओर से पेश हुए वकील अदित पुजारी ने दलीलों के दौरान कहा, ‘जब हम अपने खिलाफ मामला नहीं जानते हैं तो हम जमानत अर्जी कैसे देंगे?’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार का भी प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है। उन्होंने रिमांड आवेदन की प्रति के लिए आरोपी के आवेदन का विरोध किया।

उन्होंने कहा कि रिमांड आवेदन में वह चीज भी शामिल है जिसकी एजेंसी जांच कर रही है और अगर इसकी प्रति आरोपी को दी जाती है, तो इससे एनआईए का मामला प्रभावित होगा।

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पर 28 सितंबर को लगाए गए राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध से पहले बड़े पैमाने पर छापेमारी के दौरान कई राज्यों में बड़ी संख्या में कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था या गिरफ्तार किया गया था।

भाषा नेत्रपाल अविनाश

अविनाश