‘फार्मा कंपनी ने डोलो 650 मिग्रा का नुस्खा लिखने के लिए 1000 करोड़ के मुफ्त उपहार बांटे’ : एनजीओ

‘फार्मा कंपनी ने डोलो 650 मिग्रा का नुस्खा लिखने के लिए 1000 करोड़ के मुफ्त उपहार बांटे’ : एनजीओ

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  • Publish Date - August 18, 2022 / 09:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो टैबलेट बनाने वाली चर्चित फार्मा कंपनी द्वारा बुखार के इलाज के लिए डोलो 650 मिग्रा का नुस्खा लिखने के लिए चिकित्सकों को 1000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार बांटने का आरोप लगाया है। न्यायालय ने इस आरोप को ‘गम्भीर मुद्दा’ करार दिया।

याचिकाकर्ता ‘फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख और अधिवक्ता अपर्णा भट ने न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ को बताया कि 500 मिग्रा तक के किसी भी टैबलेट का बाजार मूल्य सरकार की कीमत नियंत्रण प्रणाली के तहत नियंत्रित होता है।

उन्होंने बताया कि लेकिन 500 मिग्रा से ऊपर की दवा की कीमत निर्माता फार्मा कंपनी द्वारा तय की जा सकती है। उन्होंने दलील दी कि उच्च लाभ हासिल सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने डोलो-650 मिग्रा टैबलेट के नुस्खे लिखने के लिए चिकित्सकों में मुफ्त उपहार बांटे हैं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘आप जो कह रहे हैं वह सुनने में सुखद लगता है। यही दवा है जो मैंने कोविड होने पर ली थी। यह एक गंभीर मुद्दा है और हम इस पर गौर करेंगे।’’

पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को दस दिनों में याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और इसके बाद पारिख को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।

न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है।

इस बीच एक वकील ने फार्मा कंपनियों की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर करने की न्यायालय से अनुमति मांगी, जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया। पीठ ने कहा कि वह भी इस मुद्दे पर फार्मा कंपनियों का पक्ष सुनना चाहेगी।

भाषा सुरेश नरेश

नरेश