नई दिल्ली। सवर्ण गरीबों के लिए लागू किए गए 10 फीसदी आरक्षण पर रोक के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। हालांकि शीर्ष अदालत ने इस व्यवस्था पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया है। फ़ौरन रोक से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि हम मुद्दे पर अपने स्तर पर निरीक्षण करेंगे। मामले को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट चार हफ्तों में सुनवाई करेगा।
बता दें कि आरक्षण देने के इस नए एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। तहसीन पूनावाला ने याचिका में कहा है कि यह संविधान की मौलिक भावना के साथ छेड़छाड़ है। अब केंद्र सरकार को 4 सप्ताह में इस मामले में अपना पक्ष अदालत के सामने रखना है।
मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि आरक्षण के लिए अधिकतम सीमा 50 फीसदी तय की गई है, नए एक्ट को लागू कर उसका उल्लंघन किया गया है। इस मामले में पहले ही एक अन्य एनजीओ की ओर से डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने भी अर्जी दाखिल की हुई है।