महिला कर्मियों को माहवारी अवकाश देने का निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका

महिला कर्मियों को माहवारी अवकाश देने का निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका

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  • Publish Date - October 19, 2020 / 10:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजधानी की आम आदमी पार्टी (आप)की सरकार को महिला कर्मियों के लिए माहवारी के दौरान सवेतन अवकाश और आवधिक आराम देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में महिलाओं को विशेष आकस्मिक अवकाश या सवेतन अवकाश देने का अनुरोध किया गया है क्योंकि इसमें कहा गया है कि माहवारी गहराई से मानव सम्मान से जुड़ा है और इस अवधि में अलग से शौचालय की सुविधा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए आराम, विशेष आकस्मिक या सवेतन अवकाश नहीं देकर अधिकारी महिला कर्मचारियों को उनके मानव सम्मान से वंचित कर रहे हैं।

हालांकि, इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जैन की पीठ इस दिन नहीं बैठती। अब इस मामले को सुनवाई के लिए 23 नवंबर को सूचीबद्ध किया गया है।

इस याचिका को दिल्ली मजदूर संघ ने अधिवक्ता राजीव अग्रवाल के जरिये दाखिल किया है और केंद्र और राज्यों को दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मी और आउटसोर्स सहित सभी वर्गों की महिला कर्मचारियों को महीने में चार दिन सवेतन अवकाश देने या अगर वे ड्यूटी करती हैं तो उस अवधि के लिए ओवर टाइम देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

इसके अलावा याचिका में माहवारी के दौरान महिला कर्मचारियों को आराम, अलग से साफ शौचालय और सेनेट्री नैपकीन की सुविधा देने का भी अनुरोध किया गया है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश