विश्व आर्थिक मंच से मोदी ने बताई भारत की ताकत, ये रहीं खास बातें 

विश्व आर्थिक मंच से मोदी ने बताई भारत की ताकत, ये रहीं खास बातें 

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  • Publish Date - January 23, 2018 / 11:50 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

दावोस। 21 साल बाद भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आप समारोह की शुरूआत करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में आज दरार आ गई है उन्होंने दुनिया को जोड़ने के लिए कहा हम सब एक परिवार की तरह बने हुए है हमारी नीतियों में साझापन हमें जोड़ता है, आज एक गंभीर बात यह है कि इस काल की बड़ी चुनौतियों से निपट ने के लिए हमारे बीच विवाद है परिवार में भी विवाद होते रहते है लेकिन जिस तरह परिवार एक होकर किसी समस्या से निपटता है वैसे ही विश्व को भी एक होकर इन चुनौतियों से निपटने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा की दोस्तों जिन समस्यों की मैं बात कर रहा हू वे बहुत है अनगिनत है लेकिन में तीन समस्याओं का जिक्र करना चाहता हंू जो सबसे बड़ी समस्याएं है पहली क्लाईमेट चेंज ग्लेशियर पीछे होते जा रहे है समुद्र आगे बड़ता जा रहा है। इस समय हमें इन सीमित दायरों से निकलकर एक होने की जरूरत है यदि हम ऐसा नहीं कर रहे है तो हमें अपने आप से पूछना होगा कि हमने इसके लिए क्या किया है और यदि नहीं किया तो क्यों नहीं किया। उन्होंने आगे भारतीय संस्कृति के बारे में बताते हुए कहा कि हजारों साल पहले भारत में हमारे शास्त्रों में कहा गया कि भूमि माता है और हम उसकी संतान है लेकिन आज प्रकृति और मनुष्य के बीच में जंग चल रही है। गौतम बुद्ध से लेकर महात्मा गांधी तक का उदाहरण देकर बताया कि हमारी संस्कृति सालों से प्रकृति को सहाजने की रही है। दूसरी बड़ी चुनौती है आतंकवाद इसे लेकर भारत की चिंता से दुनिया का हर देश परिचित है उन्होंने आतंकवाद के दो खतरनाक आयाम बताए, उन्होंने कहा जितना खतरनाक आतंकवाद है उतनी ही खतरनाक आतंकवाद को गुड और बेड आतंकवाद में बांटना भी है। उन्होंने तीसरी चुनौती का जिक्र करते हुए कहा कि ग्लोबलाइजेशन का सिकुडना ग्लोबलाईजेशन की चमक धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इसे बनाकर रखने की जिम्मेदार दुनिया के हर उस देश की है जो बड़े-बडे़ संस्थानों से जुड़े हुए है। 

 

यूएन पर सवाल

इसी के साथ पीएम मोदी ने यूएन की कार्यशैली पर भी सवाल खेड़े किए उन्होंने पूछा कि क्या दूसरे विश्व युद्ध के समय बनी संस्थाए आज के विश्व की जरूरतों को पूरा करती है उसकी उन छोटे देश की उभरती हुए जरूरतों को समझती है जो विकासशील से विकसीत होने की तरफ अग्रसर है। आगे उन्होंने कहा कि दुनिया भर में द्वपक्षिय और बहुपक्षिय व्यापार समझौते रूके हुए है। 

 

व्यापार के लिए एक आइडियल स्थान

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आए बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में लगातार बदलाव की बयार चल रही है। हमने अपनी व्यवस्थाओं को दूरूस्त दुरूस्त किया है। व्यापार के लिए स्वस्थ्य नीतियां तैयार की है, जीएसटी से लेकर डीजिटल क्रांति तक की बातें प्रधानमंत्री ने विश्व आर्थिक मंच तक पहुंचाने की कोशिश कि उन्होंने बताया कि कैसे दुनिया भर की स्वतंत्र रेंटिंग एजेंसी भारत को व्यापार के लिए एक बेहतर जगह बता रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि आप भारत में लगभग हर क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई है इसी के साथ हमने स्कील्ड फोर्स तैयार की है जो प्रोडक्शन विथ क्वालिटी देने में सक्षम है। माल तैयार होने के बाद उसे पूरी दुनिया में भेजने के लिए भी भारत ने सुगम रास्ते तैयार किए है जिनके माध्यम से निश्चित समय में पूरी दुनिया में माल डिलीवर किया जा सकता है। इसी के साथ उन्होंने भारत की ताकत बताते हुए कहा कि 2025 तक भारत 5 ट्रीलियन ट्रिलियन डाॅलर की एक भारी अर्थव्यवस्था बनने वाला है जिसमें दुनिया को अपनी जगह सुनिश्चित करनी चाहिए।  

 

 

बेव डेस्क, IBC24