Diwali 2025/ Image Credit: ANI News
नई दिल्ली: Gyan Bharatam Portal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 सितंबर यानी आज को भारत की पांडुलिपि विरासत पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे और ‘ज्ञान भारतम्’ पोर्टल की शुरुआत करेंगे। ‘ज्ञान भारतम्’, पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुंच में तेजी लाने के लिए एक समर्पित डिजिटल मंच है। ‘पांडुलिपि विरासत के माध्यम से भारत के ज्ञान धरोहर की पुनःप्राप्ति’ विषय-वस्तु पर आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत गुरूवार को यहां विज्ञान भवन में हुई।
Gyan Bharatam Portal: पीएम कार्यालय के बयान के मुताबिक, यह सम्मेलन भारत की अद्वितीय पाण्डुलिपि संपदा को पुनर्जीवित करने और इसे वैश्विक ज्ञान संवाद के केंद्र में रखने के उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए अग्रणी विद्वानों, संरक्षणवादियों, प्रौद्योगिकीविदों और नीति विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी 12 सितंबर को सम्मेलन में भाग लेंगे और इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ‘ज्ञान भारतम्’ पोर्टल की भी शुरुआत करेंगे, जो पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुंच में तेज़ी लाने के लिए एक समर्पित डिजिटल मंच है।
Gyan Bharatam Portal: सम्मेलन में दुर्लभ पांडुलिपियों की एक प्रदर्शनी और पांडुलिपि संरक्षण, डिजिटलीकरण प्रौद्योगिकियों, मेटाडेटा मानक, कानूनी संरचनाओं, सांस्कृतिक कूटनीति और प्राचीन लिपियों के अर्थ-निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विद्वानों की प्रस्तुतियां भी शामिल होंगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। उन्होंने संबोधन में कहा कि भारत ‘सांस्कृतिक पुनर्जागरण के युग’ से गुजर रहा है। शेखावत ने जोर देकर कहा कि ‘ज्ञान भारतम मिशन’ की परिकल्पना देश की पांडुलिपि विरासत को संरक्षित करने के लिए की गई है। सरकार ने संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख पहल के रूप में ‘ज्ञान भारतम मिशन’ की शुरुआत की है। इस मिशन का उद्देश्य भारत भर के शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहों में एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों का सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण, संरक्षण, डिजिटलीकरण और उन्हें सुलभ बनाना है।