electricity crisis in Punjab

फ्री से पहले बिजली तो दें.. पंजाब में बिजली कटौती से लोग हलाकान, ऊर्जा मंत्री ने कहा- ये समस्या अन्य राज्यों में भी

electricity crisis in Punjab : पंजाब में जारी बिजली कटौती पर ऊर्जा मंत्री ने कहा- मांग में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : April 29, 2022/1:08 am IST

चंडीगढ़। electricity crisis in Punjab  : पंजाब में विपक्षी दलों ने भीषण गर्मी के दौरान कई जगहों पर बिजली कटौती को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह उपभोक्ताओं को चौबीस घंटे बिजली देने का वादा पूरा करने में विफल रही है।

हालांकि, पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि बढ़ते तापमान से पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल बिजली की मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि केवल पंजाब ही नहीं, अन्य राज्य भी इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

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विपक्षी दलों ने कहा कि बिजली कटौती घरेलू उपभोक्ताओं को असुविधा के अलावा खेती और औद्योगिक क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। किसान संगठन ‘किसान मजदूर संघर्ष कमेटी’ ने शुक्रवार को अमृतसर में ऊर्जा मंत्री के आवास के सामने कृषि क्षेत्र को पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित नहीं करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की।

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electricity crisis in Punjab :  विपक्षी दलों ने दावा किया कि राज्य में 10 से 13 घंटे की लंबी बिजली कटौती की जा रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 7,675 मेगावाट तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को राज्य में 282 लाख यूनिट बिजली की कमी थी और सभी स्रोतों से बिजली आपूर्ति की उपलब्धता 1,679 लाख यूनिट थी। सूत्रों ने कहा कि तलवंडी साबो की दो इकाइयां, रोपड़ थर्मल प्लांट और जीवीके प्लांट की एक-एक यूनिट पहले से ही बंद है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि रोपड़ थर्मल प्लांट में 8.3 दिन, लहरा मोहब्बत प्लांट में चार दिन और जीवीके में 2.4 दिनों के लिए कोयला बचा है तथा कोयले की आपूर्ति चिंताजनक बनी हुई है।

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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि रोपड़ थर्मल प्लांट की एक इकाई ने बृहस्पतिवार को बिजली पैदा करना शुरू कर दिया और तलवंडी साबो की एक इकाई शुक्रवार से बिजली उत्पादन शुरू कर देगी। उन्होंने पंजाब में बिजली संयंत्रों को अद्यतन नहीं करने के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार पर इस मौसम की तैयारी के लिए कुछ नहीं करने का भी आरोप लगाया।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘अब तक मान साहब, आप समझ गए होंगे कि शासन एक वास्तविक चुनौती है, कोई ‘लाफ्टर चैलेंज’ नहीं।’’

वडिंग ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मान की एक पुरानी वीडियो क्लिप पोस्ट की, जिसमें वह पंजाब में बिजली की कमी का वर्णन अपने व्यंग्यात्मक अंदाज में करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब जब आप सत्ता में हैं और पहले से ही समस्या से अवगत हैं, तो आपको इसे सुलझाने से कौन रोक रहा है।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार ने धान के मौसम के दौरान कृषि क्षेत्र को बिजली की कमी को दूर करने और निर्बाध आपूर्ति के लिए कोई पहल नहीं की है। ‘‘बिजली संकट’’ को लेकर भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भुंदर ने कहा, ‘‘दिल्ली मॉडल ने पंजाब को बिजली का झटका दिया है। पंजाबियों को, जिन्हें चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति का वादा किया गया था, गर्मी के मौसम की शुरुआत में 18 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।’’

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भुंदर ने दावा किया कि ‘कटौती’ ने यह भी साबित कर दिया है कि आप के पास पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई दृष्टि नहीं थी।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी बिजली कटौती के लिए मान पर निशाना साधा। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘आप को एक मौका मिला, अब दिन में या रात में बिजली नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में भारी बिजली कटौती … किसानों के लिए दो घंटे से भी कम बिजली … पीएसपीसीएल द्वारा अपने कर्मचारियों को हालिया परिपत्र … यह उतना बुरा नहीं है जितना दिखता है, यह बदतर है।’’

पंजाब भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता ने कहा कि राज्य में लंबे समय तक बिजली कटौती से 24 घंटे बिजली आपूर्ति मुहैया कराने के आप के लंबे दावों का पर्दाफाश हो गया है। गुप्ता ने कहा, ‘‘पंजाब के गांवों में 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। ग्रामीण परेशान महसूस कर रहे हैं। अपर्याप्त बिजली के कारण सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से फसलों को नुकसान हो रहा है।’’