नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर तंज कसते हुए कहा है कि 4 राज्यों में और जल्द ही केंद्र में चुनाव नजदीक आए तब हिंदुओं की भावनाएं और भगवान राम की याद आई। तोगड़िया ने भागवत से सवाल भी पूछा है कि वे अब तक क्यों चुप रहे।
बता दें कि विजयदशमी के उत्सव के मौके पर गुरुवार सुबह आरएसएस के वार्षिक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि केंद्र सरकार को राम मंदिर के लिए कानून बनाना चाहिए। इसके बाद प्रवीण तोगड़िया ने एक बयान में कहा है कि 1989 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा गया था कि संसद में पूर्ण बहुमत में सरकार आएगी तब कानून बनाकर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इस वादे के भरोसे में सैकड़ों हिंदुओं ने जान दी, हजारों जेल गए और जब केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार आई, तब पिछले साढ़े चार साल से रामभक्तों की आवाज को दबाया गया।
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उन्होंने ने दावा किया 2017 में भोपाल में बैठक बुलाकर आरएसएस ने कहा था कि संसद में राम मंदिर के कानून की बात बोलना बंद करो। उडुपी में नवंबर 2017 धर्मसंसद में अनेकों संतों की मांग के बावजूद राम मंदिर पर कानून का प्रस्ताव नहीं लाया गया, जो पिछली 14 धर्मसंसदों की मांग के विपरीत था।
तोगड़िया ने सवाल किया कि राम मंदिर पर कानून की मांग को लेकर अनशन कर रहे संत परमहंसदास को जब यूपी पुलिस घसीटकर ले गई, तब आज के बौद्धिक देने वाले कहां थे। तोगड़िया ने मांग की है कि राम मंदिर में कानून लाने में साढ़े चार सालों की अक्षम्य देरी के लिए केंद्र सरकार, बीजेपी और उनकी मातृसंगठन आरएसएस को हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए।
वेब डेस्क, IBC24