Jamiat Ulama-i-Hind on Waqf Amendment Bill | Source : IBC24 File Photo
Public interest litigation against New Waqf Act: नई दिल्ली: हाल ही में लागू हुए वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। संसद के बजट सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर रात इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है और केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।
इस कानून के खिलाफ विपक्षी दल लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। कांग्रेस, एआईएमआईएम और अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी इसका विरोध तेज कर दिया है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता मनोज झा और फयाज अहमद ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।
Public interest litigation against New Waqf Act: इससे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी पहले ही इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटा चुके हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कानून का सीधा असर वक्फ संपत्तियों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित स्मारकों पर पड़ेगा। कानून लागू होने के बाद इन स्मारकों पर वक्फ बोर्ड का कोई दावा नहीं रहेगा।
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Public interest litigation against New Waqf Act: विपक्ष का कहना है कि यह कानून धार्मिक और ऐतिहासिक संस्थाओं के अधिकारों को कमजोर करता है, जबकि सरकार का तर्क है कि इससे वक्फ संपत्तियों को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी और अवैध दावों पर रोक लगेगी। अब सुप्रीम कोर्ट इस कानून की वैधता को लेकर सुनवाई करेगा।