फतेहगढ़ साहिब, 26 दिसंबर (भाषा) पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका और दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह के दो छोटे बेटों की शहादत के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की।
राज्यपाल ने कहा कि दसवें सिख गुरु द्वारा किए गए सर्वोच्च ‘सरबंस दान (अंतिम बलिदान)’ का विश्व में कहीं भी कोई सानी नहीं है।
गुरु गोविंद सिंह के छोटे पुत्र साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह तथा उनकी दादी माता गुजरी की स्मृति में वार्षिक सम्मेलन 25 से 27 दिसंबर तक आयोजित किया जाता है।
राज्यपाल ने कहा कि आज पूरे देश में युवा साहिबजादों और माता गूजरी के असाधारण एवं अतुलनीय बलिदानों को गहरी श्रद्धा एवं सम्मान के साथ याद किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जहां बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को जिंदा ईंटों में चुनवह दिया गया था, वह स्थान एक गहन आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरी है और वहां दुनिया भर के लोग श्रद्धापूर्वक शीश नवाते हैं।
कटारिया ने कहा कि यह पवित्र भूमि मानवता को मानव जाति की सेवा में जीवन समर्पित करने, न्याय और सत्य को बनाए रखने, असाधारण आध्यात्मिक शक्ति के साथ उत्पीड़न के खिलाफ दृढ़ता से खड़े होने और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि यह इस बात की प्रेरणा देती है कि यदि आवश्यक हो तो राष्ट्र और धर्म के लिए जीवन का बलिदान भी दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जहां राष्ट्र ने गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ मनाई है, वहीं श्री चमकौर साहिब की पवित्र भूमि पर मुगल सेनाओं के विरुद्ध युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले वरिष्ठ साहिबजादों बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह की सर्वोच्च शहादत को भी श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है।
भाषा राजकुमार माधव
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