राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका खारिज, अदालत में होना पड़ेगा पेश

राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका खारिज! Rahul Gandhi's plea in defamation case dismissed, has to appear in court

राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका खारिज, अदालत में होना पड़ेगा पेश

Rahul Gandhi's petition dismissed

Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: July 6, 2022 1:03 am IST

रांची:  झारखंड उच्च न्यायालय ने यहां एक निचली अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मानहानि के मुकदमे में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए इस संबन्ध में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की याचिका खारिज कर दी । अब गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उन्हें इस मामले में अब रांची की निचली अदालत में पेश होना पड़ सकता है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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न्यायमूर्ति एस के द्विवेदी की पीठ ने यहां निचली अदालत में दाखिल मानहानि के वाद को खारिज करने की गांधी की याचिका को खारिज कर उन्हें वहां पेश होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये। उच्च न्यायालय के इस आदेश से गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उच्च न्यायालय ने गांधी और प्रतिवादी पक्ष के वकीलों की लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाया। न्यायालय ने एक स्थानीय अदालत से जारी समन को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि प्रार्थी अपनी बात निचली अदालत में सुनवाई के दौरान रखें।

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गांधी ने निचली अदालत से जारी समन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोरहाबादी मैदान में जनसभा में कहा था कि ‘सभी मोदी नाम वाले चोर होते हैं।’ उनके इस बयान के बाद अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने उनके खिलाफ एक स्थानीय अदालत में एक शिकायतवाद दर्ज करायी। उसमें कहा गया कि गांधी ने मोदी नामधारियों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है जिससे मोदी समाज की भावना आहत हुई है।

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याचिका में गांधी के खिलाफ अदालत से कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था। इस शिकायत पर अदालत ने गांधी को 22 फरवरी 2019 को अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। लेकिन निचली अदालत में पेश होने की बजाय इस समन के खिलाफ गांधी ने उच्च न्यायालय में रिट दाखिल कर पूरे मामले को ही खारिज करने की मांग की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

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