राममंदिर निर्माण में लगने वाले पिंक पत्थर खदान पर राजस्थान सरकार ने लगाई रोक, निर्माण कार्य प्रभावित होने की आशंका

राममंदिर निर्माण में लगने वाले पिंक पत्थर खदान पर राजस्थान सरकार ने लगाई रोक, निर्माण कार्य प्रभावित होने की आशंका

राममंदिर निर्माण में लगने वाले पिंक पत्थर खदान पर राजस्थान सरकार ने लगाई रोक, निर्माण कार्य प्रभावित होने की आशंका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: September 14, 2020 10:20 am IST

अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निमार्ण के लिए लगभग तीन लाख घनफुट पत्थरों की जरूरत है, जिसमें से एक लाख घनफुट पत्थरों को तराशा जा चुका है, 20 हजार घनफुट के करीब पत्थर रामसेवक पुरम में रखे हुए हैं, बचे पत्थरों को राजस्थान के बंसी पहाड़पुर की खदान से अयोध्या मंगाया जाना है, लेकिन खबर आ रही है कि राजस्थान सरकार ने बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन खदान पर रोक लगा दी है।

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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण इन्हीं पिंक स्टोन पत्थरों से किया जाना है, लेकिन खदान पर रोक से निर्माण कार्य प्रभावित होने की बात सामने आ रही है, हालांकि, इस मुद्दे पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने सधा हुआ बयान देते हुए कहा कि वक्त आने पर वह कुछ बोलेंगे। राम मंदिर निर्माण के लिए टेस्ट पाइलिंग का काम 11 सितंबर से शुरू कर दिया गया है, वहीं, कार्यशाला में रखे गए पिंक स्टोन पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर में कैसे लाया जाए, इसकी भी रणनीति बनाई जा रही है।

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राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में कार्यशाला स्थापित की गई थी, उसी समय से बंसी पहाड़पुर राजस्थान से पत्थरों को मंगाया जा रहा था, अभी वर्तमान में कार्यशाला बंद चल रही है, क्योंकि तकरीबन एक लाख घनफुट पत्थरों को तराश कर राम मंदिर के योग्य बनाया जा चुका है और जो पत्थर राजस्थान से आने हैं, उनको मंगाया जाएगा, लेकिन, पहले इन तराशे गए पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचा दिया जाए, हालांकि, अब जब कार्यशाला शुरू होगी तो वह राम जन्मभूमि परिसर में ही शुरू होगी।

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विश्व हिंदू परिषद और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास तकरीबन डेढ़ लाख के करीब पिंक स्टोन पत्थर हैं, खदान पर रोक लगने के बाद बड़ा सवाल यह है कि अब कार्यशाला के लिए राजस्थान से पिंक स्टोन पत्थर कैसे आएंगे? राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय का कहना है कि अभी पहली मंजिल का कार्य करने के लिए 1 लाख फुट पत्थर तराश के रखे गए हैं, जिससे राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है। इससे पूर्व वर्ष 2000 में जब वसुंधरा सरकार थी तब भी खदानों पर रोक लगी थी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com