राजस्थान: विधायक निधि में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगी उच्च स्तरीय समिति

राजस्थान: विधायक निधि में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगी उच्च स्तरीय समिति

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 08:36 PM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 08:36 PM IST

जयपुर, 14 दिसंबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कुछ विधायकों द्वारा ‘विधायक निधि’ जारी करने के बदले कमीशन लेने के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए मुख्य सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित दी गई है।

वहीं, इस जांच का नतीजा आने तक तीन विधायकों के विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमएलए एलएडी) खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी गई है।

यह कार्रवाई एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद की गई जिसमें खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और बयाना से निर्दलीय विधायक रितु बनावत पर विधायक निधि से रकम मंजूर करने के बदले ‘कमीशन’ लेने का आरोप लगाया गया था।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों को नोटिस जारी किए हैं।

मुख्यमंत्री शर्मा ने विधायक निधि में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित खबरों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि किसी भी लोक सेवक द्वारा भ्रष्टाचार किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और दोषी पाए जाने पर ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह व्यक्ति कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति पूर्णतः ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कार्य कर रही है और जनधन के दुरुपयोग को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह) भास्कर सावंत की अध्यक्षता में चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित कर इस मामले की निष्पक्ष एवं गहन जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

समिति में शासन सचिव (पंचायती राज) जोगाराम, शासन सचिव वित्त (बजट) राजन विशाल को सदस्य एवं विशिष्ट शासन सचिव (गृह विभाग) मनीष गोयल को सदस्य सचिव बनाया गया है। यह समिति 15 दिन में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेगी।

उनके अनुसार जांच प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर खींवसर, हिण्डौन एवं बयाना विधानसभा क्षेत्रों के विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमएलए-लैड) खातों को ‘फ्रीज’ कर दिया गया है और अब तक जिन कार्यों की सिफारिश की जा चुकी है और जिन्हें मंज़ूरी भी मिल गई थी, उन सभी कार्यों के अमल और उनके भुगतान की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी मुख्य सचेतक द्वारा यह प्रकरण संबंधित विधायकों के विरुद्ध जांच के लिए विधानसभा की सदाचार समिति के समक्ष रखने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को भी प्रेषित कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी इस प्रकरण पर संज्ञान लिया है।

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री शर्मा ने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

यहां जलमहल की पाल पर आयोजित राज्य स्तरीय स्वच्छता जागरूकता एवं श्रमदान कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जनता का पैसा लोगों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह जनता का पैसा है, जनता का पैसा लूटने के लिए नहीं होता, जनता का पैसा जनता के हित में लगे।”

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विधायक रेवंतराम डांगा को इस मामले में तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया।

उन्होंने कहा कि विधायक का यह कृत्य भारतीय जनता पार्टी के संविधान में वर्णित अनुशासन भंग की श्रेणी में आता है।

राठौड़ के अनुसार भाजपा भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति में विश्वास रखती है तथा पार्टी अनुशासन और नैतिक मूल्यों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पार्टी ने विधायक अनीता जाटव को नोटिस जारी किया है और जांच चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘जनप्रतिनिधि जनता के ट्रस्टी होते हैं और विधायक निधि में भ्रष्टाचार या कमीशन लेना बहुत निंदनीय है। भले ही विधायक हमारी पार्टी का हो, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

उन्होंने सरकार से पार्टी की राजनीति से ऊपर उठकर सभी दोषी विधायकों के खिलाफ जांच करने और तथ्यों को सामने लाने की मांग की।

इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से उन खबरों का संज्ञान लेने का आग्रह किया जिनमें आरोप लगाया गया है कि तीन विधायक, ‘विधायक निधि’ जारी करने के बदले कथित तौर पर रिश्वत/कमीशन ले रहे हैं।

गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘विधायकों द्वारा ‘विधायक निधि’ जारी करने के बदले रिश्वत/कमीशन लेने संबंधी प्रकाशित खबर अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा व विधानसभा अध्यक्ष देवनानी को तत्काल इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने लिखा,‘‘जनप्रतिनिधियों के लिए सार्वजनिक जीवन में शुचिता और ईमानदारी सर्वोपरि होनी चाहिए।’’

विभिन्न राजनीतिक दलों के कई अन्य नेताओं ने भी कथित भ्रष्टाचार की निंदा की।

भाषा पृथ्वी नोमान

नोमान