Rajnath Singh on Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान ने कितने विमान मार गिराए? Image source: Sansad TV Youtube
नई दिल्ली: Rajnath Singh on Operation Sindoor: संसद में आज भारत की ओर से पाकिस्तान पर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर खास चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को संबोधित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा, “मैं देश के उन वीर सपूतों, बहादुर सैनिकों को नमन करता हूं जो राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए बलिदान देने से कभी पीछे नहीं हटे। मैं उन सैनिकों की स्मृति को भी नमन करता हूं जिन्होंने भारत की एकता, अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मैं पूरे देश की तरफ से सभी जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”
Rajnath Singh on Operation Sindoor: राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि “22 अप्रेल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक अमानवीय और कायराना आतंकी हमला हुआ। इस हमले में हमारे 25 निर्दोष नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। उन निर्दोष लोगों की जान उनका धर्म पूछकर लिया गया। यह अपने आप में अमानवीयता का सबसे घृणित उदाहरण था। ये घटना भारत की सहन शक्ति की सीमा थी। इस हमले के तुरंत बाद हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और उन्हें छूठ दी गई कि वे अपने विवेक, रणनीतिक समझ और क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए निर्णायक कार्रवाई करें।” इसके बाद “6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी बल्कि यह भारत की संप्रभुता, उसकी अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावी और निर्णायक प्रदर्शन था।”
उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले, हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया। हमारे पास कई विकल्प थे लेकिन हमने वह विकल्प चुना जिससे आतंकवादियों को अधिकतम नुकसान हो और जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो। हमारी सेनाओं द्वारा किए गए समन्वित हमलों ने 9 आतंकवादी बुनियादी ढांचे के ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया। एक अनुमान के अनुसार, इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, उनके आका मारे गए, जिनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे।”
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि “…भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि संघर्ष के पहले और उसके दौरान जो भी राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य तय किए गए थे उसे हम पूरी तरह से हासिल कर चुके थे। इसलिए यह कहना कि ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया था यह बेबुनियाद और सरासर गलत है।” 10 मई की सुबह, जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई हवाई क्षेत्रों पर करारा प्रहार किया, तो पाकिस्तान ने हार मान ली और शत्रुता रोकने की कोशिश की। हमारे DGMO से बात की कि इसे रोक दीजिए।”
उन्होंने आगे कहा कि “हमारी कार्रवाई पूरी तरह से आत्मरक्षा में थी, न तो उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी। फिर भी, 10 मई, 2025 को लगभग 1:30 बजे तक, पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर भारत के ऊपर मिसाइलों, ड्रोन्स, रॉकेट्स और अन्य लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर हमला किया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर से जुड़ी तकनीक का भी सहारा लिया। उनके निशाने पर हमारे भारतीय सेना के अड्डे, थल सेना के एग्रेशन डीपो, हवाई अड्डे और मिलिट्री कैंप थे। यह कहते हुए मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है कि हमारे यहां डिफेंस सिस्टम, काउंटर ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। पाकिस्तान हमारे किसी भी टारगेट को हिट नहीं कर पाया। हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी और हर हमले को हमारे द्वारा रोका गया। मैं इसके लिए भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों की जमकर सराहना करता हूं, जिन्होंने दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेर दिया।” “ऑपरेशन केवल रोका गया है समाप्त नहीं किया गया। अगर पाकिस्तान की ओर से भविष्य में कोई भी दुस्साहस हुआ तो यह ऑपरेशन दोबारा प्रारंभ होगा… 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और भारत से सैन्य कार्रवाई को रोकने की अपील की। 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाई पर विराम लगाने का निर्णय लिया।”
क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, “कभी-कभी हमारे प्रतिपक्ष के लोग यह पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गए? मुझे लगता है कि उनका यह प्रश्न हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है। उन्होंने एक बार भी हमसे यह नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? यदि उन्हें प्रश्न पूछना ही है तो उनका प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया तो उसका उत्तर है, हां। मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आपको यदि प्रश्न पूछना है तो यह प्रश्न पूछिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा तो उसका उत्तर है, हां…”