नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) स्क्रीन पर अधिक समय बिताने की वजह से कम उम्र में बच्चों की आंखें कमजोर होने के मामलों में वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने सरकार से स्कूलों में नेत्र जांच अनिवार्य करने और राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘आई हेल्थ मिशन’ चलाये जाने की मांग की।
शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए भाजपा के मयंक कुमार नायक ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों को कम उम्र में चश्मा लग रहा है क्योंकि उनका अधिकतर समय स्क्रीन पर गुजरता है। उन्होंने कहा कि आज बढ़ते स्क्रीन टाइम, मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, ऑनलाइन कक्षाएं और स्मार्ट क्लास व्यवस्था के कारण कम उम्र में ही बच्चों की आंखें कमजोर हो जाती हैं और वह चश्मा चलाने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर गहराई से सोचें तो पता चलता है कि यह समस्या कितनी अधिक गंभीर है। ‘‘समय रहते इसका समाधान निकालना होगा क्योंकि यह बात उनसे जुड़ी है जिन्हें आने वाले समय में देश की जिम्मेदारी उठानी है।’’
नायक ने मांग की कि सरकार को स्कूलों में नेत्र जांच अनिवार्य करना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘नेत्र स्वास्थ्य मिशन’ चलाया जाना चाहिए जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर नियमित बच्चों की आंखों की जांच करें।
साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों और अभिभावकों के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि उन्हें पता चल सके कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से उनके स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि समय रहते अगर बच्चों की दृष्टि का संरक्षण न किया जाए तो आने वाले समय में समस्या और बढ़ेगी।
भाषा
मनीषा माधव
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