नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया सही मायने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद शुरू हुई।
गुप्ता ने इस नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नियुक्ति पत्रों को वितरित करके दिल्ली सरकार ने न केवल नौकरियां प्रदान की हैं बल्कि उन हजारों परिवारों की गरिमा और पहचान को भी मान्यता दी है, जिन्होंने न्याय के लिए दशकों तक इंतजार किया था।
उन्होंने इसे 1984 के सिख दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय की यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘ वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है — जिसे भुला पाना असंभव है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके दर्द की भरपाई के लिए कोई भी मुआवजा कभी भी पर्याप्त नहीं हो सकता।’’
उन्होंने कहा कि दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने और अपराधियों को दंडित करने की प्रक्रिया वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी के केन्द्र में सत्ता संभालने के बाद शुरू हुई।
मुख्यमंत्री ने 125 लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा कि यह 40 वर्षों की चुप्पी और संघर्ष के बाद उनके जीवन में न्याय आने जैसा है।
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