गणतंत्र दिवस हिंसा: दिल्ली पुलिस ने जम्मू से एक किसान नेता सहित दो लोगों को किया गिरफ्तार

गणतंत्र दिवस हिंसा: दिल्ली पुलिस ने जम्मू से एक किसान नेता सहित दो लोगों को किया गिरफ्तार

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  • Publish Date - February 23, 2021 / 06:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

जम्मू/नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने जम्मू से एक प्रमुख किसान नेता सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने यह ट्रैक्टर परेड निकाली थी।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि ‘जम्मू एंड कश्मीर यूनाइटेड किसान फ्रंट’ के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह (45) और जम्मू के गोल गुजराल निवासी मंदीप सिंह (23) को गिरफ्तार किया गया है। मोहिंदर जम्मू शहर के चाठा का निवासी है। पुलिस के अनुसार इन दोनों ने लाल किले पर हुई हिंसा में ‘‘सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था’’ और उसके ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ थे।

उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार रात दोनों को पकड़ा गया और फिर पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से उन्हें पकड़ा गया।

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा, ‘‘ मिली जानकारी के अनुसार, दोनों लाल किले पर हुए दंगे के मुख्य साजिशकर्ता थे और सक्रिय रूप से इसमें हिस्सा भी लिया।’’

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी और कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया था।

सिंह के परिवार ने उन्हें निर्दोष बताया है और तत्काल उनकी रिहाई की मांग की है।

सिंह की पत्नी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ उन्होंने मुझे बताया था कि जम्मू पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक ने उन्हें बुलाया है और वह गांधी नगर पुलिस थाने जा रहे हैं। इसके बाद उनका फोन बंद आने लगा। पूछताछ करने पर, मुझे पता चला कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें दिल्ली ले जाया गया है।’’

उन्होंने दावा किया कि जब हिंसा हुई तब उनके पति लाल किले पर नहीं, बल्कि दिल्ली की सीमा पर थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ वह एसएसपी के पास अकेले गए थे क्योंकि उन्हें कोई डर नहीं था। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।’’

भाषा

निहारिका पवनेश

पवनेश